घुसपैठियों के खिलाफ बिस्वा सरकार का बड़ा एक्शन, 'असम को नहीं बनने देंगे अगला कश्मीर'
अवैध अतिक्रमण पर फिर सख्त हुए सीएम बिस्वा

असम की बिस्वा सरकार का बांगलादेशी घुसपैठियों पर बड़ा एक्शन सामने आया है और इसी कड़ी में अब सीएम बिस्वा ने घुसपैठियों को चेतवानी देते हुए कहा है कि असम अगला कश्मीर नही हो सकता, अवैध अतिक्रमण स्वीकार नही है, बेदखली का काम जारी रहेगा।
असम अगला कश्मीर नही हो सकता,
— Gaurav Goel (@goelgauravbjp) September 25, 2021
अवैध अतिक्रमण स्वीकार नही है,
बेदखली का काम जारी रहेगा।
- हिमंत बिस्वा सरमा
जय हिंद ...... 🇮🇳@himantabiswa
दरअसल जिस तरीके से असम राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों की तादाद भारी संख्या में बढ़ती जा रही है जिसका जीता जागता उदाहरण हाल ही में अवैध अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस पर हमले के बाद सामने आया था जिसके बाद सीएम बिस्वा ने इस हिंसा के पीछे PFI के शामिल होने के संकेत दिए थे जिसके बाद अब सख्त ऐलान करते हुए कहा है कि किसी भी कीमत पर असम को अगला कश्मीर बनाने नहीं देंगे। 24 सितंबर अतिक्रमण का यह मामला 1980 की शुरुआत से शुरू हुआ. जिसके बाद कई बार हिंसा के मामले सामने आए हैं. स्थानीय लोगों के मन में इन अतिक्रमणकारियों की वजह से काफी असुरक्षा की भावना भी रही है.
तो वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को कहा कि पीएफआई के सदस्यों ने एक दिन पहले उस गांव का दौरा किया था, जहां बेदखली का अभियान हिंसक हो गया था, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि 60 परिवारों का हटाने का काम था, लेकिन 10,000 लोग आए. साथ ही पूछा कि कौन लेकर आया इतने लोगों को? पुलिस पर हमला क्यों किया? इन सब में पीएफआई का नाम आ रहा, लेकिन मैं इसपर कुछ नहीं कहूंगा. न्यायिक प्रमाण में देखेंगे कि पीएफआई शामिल था या नहीं.
वहीं इसके पहले भी जब सीएम बिस्वा सिलचर के दौरे पर थे तब भी घुसपैठियों को चेतावनी दी थी और कहा था कि असम अगला कश्मीर बनने की राह पर है जिसे रोकना होगा, सीमावर्ती ईलाके में हिंदु विलुप्त हो रहे हैं, टी बेल्ट में हिंदुओं की संख्या घट रही है, विशेष समुदाय को हिंदुओं के लिए खतरा बताया, आरएसएस से हिंदुओं को बचाने के लिए सहयोग की भी अपील की है. सरमा ने दूरस्थ इलाकों में लोगों की मदद के लिए आरएसएस से आग्रह किया था और मुख्यमंत्री ने आरएसएस के पदाधिकारियों से कहा था कि 'मैं आरएसएस के कार्यकर्ताओं से आग्रह करता हूं कि वे क्षेत्रों में जाएं और संस्थानों को खतरे से बचाने के लिए हिंदुओं को एकजुट करें। आप ऐसा इसलिए कर सकते हैं क्योंकि आपका जमीनी स्तर का संगठन है और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले आम लोगों के साथ आपका मजबूत रिश्ता है। मैं संघ से इस दिशा में सरकार की मदद करने का अनुरोध करता हूं'