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योगी सरकार ने लाखों निर्धनों को दिये पक्के मकान और इज्जत घर

योगी सरकार ने लाखों निर्धनों को दिये पक्के मकान और इज्जत घर
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केंद्र की मोदी सरकार ने वो कर दिखाया जो देश की आजादी के बाद किसी सरकार ने नहीं किया |

सरकार ने देश के सभी बेघर गरीब ,पिछडे,असहाय,अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान देने का लक्ष्य तय किया था ,जिसके तहत अबतक लाखों लोगों को फ्री में पक्के मकान दिये गए हैं या मकान बनाने में आर्थिक रूप से मदद की गई है |

प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत उन लोगों को शहरों में आवास दिए हैं जिनके पास रहने के लिए मकान नहीं थे ,और प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत ग्रामीण लोगों को पक्के मकान बनाकर भी दिये जिनके पास पक्के मकान नहीं थे |

उत्तर -प्रदेश मैं जहाँ अब तक भाई भतीजावाद चलता था और प्रशासन आपकी पहुँच या परिचय और भ्रष्टाचार के कारण सरकारी लाभांश कुछ ही लोगों तक पहुँचाते थे ,वहीं अब यूपी की योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में उत्तर प्रदेश के शहरी और ग्रामीण लोगों को पक्के मकान देने में पारदर्शिता बरती है है |

बिना किसी सिफ़ारिश ,बिना रिश्वत लोगों को नि शुल्क मकान उपलब्ध कराए हैं l.

उत्तर प्रदेश में अब तक लाखों लोगों को मकान बनाकर दिये जा चुके हैं ,जिससे असाह व निर्धन लोगों को बहुत बडी मदद मिली है ,वहीं दूसरी और गांवों में लोगों के घरों में शौचालय बनाकर देने से महिलाओं को बडी राहत दी गई है |

प्रधानमंत्री आवास योजना दो प्रकार की हैं -

1. प्रधान मंत्री आवास योजना अर्बन (PMAY-U)

वर्तमान में, प्रधान मंत्री आवास योजना अर्बन (PMAY-U) की इस स्कीम के अंतर्गत लगभग 4,331 कस्बे और शहर हैं. इसमें शहरी विकास प्राधिकरण, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, औद्योगिक विकास प्राधिकरण, विकास क्षेत्र, अधिसूचित योजना, और शहरी प्राधिकरण और नियमों के लिए उत्तरदायी सभी अन्य प्राधिकरण शामिल हैं.

यह स्कीम निम्नलिखित तीन चरणों में कार्य करेगी:

फेस 1. चुनिंदा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) में अप्रैल 2015 और मार्च 2017 के बीच 100 शहरों को कवर करना.

फेस 2. अप्रैल 2017 और मार्च 2019 के बीच 200 अतिरिक्त शहरों को कवर करना.

फेस 3. अप्रैल 2019 और मार्च 2022 के बीच बचे हुए शहरों को कवर करना.

आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स) के डेटा के अनुसार, 1 जुलाई 2019 तक, सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में PMAY-U की प्रगति इस प्रकार है:

स्वीकृत घर - 83.63 लाख

पूरे हो चुके मकान - 26.08 लाख

अधिगृहीत मकान - 23.97 लाख

समान डेटा के अनुसार, इन्वेस्ट की जाने वाली कुल राशि रु. 4,95,838 करोड़ है, जिसमें से रु. 51,414.5 करोड़ की धनराशि पहले ही जारी की जा चुकी है.

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प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) को पहले इंदिरा आवास योजना कहा जाता था. हालांकि मार्च 2016 में इसका नाम बदल दिया गया. इसका लक्ष्य दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर पूरे ग्रामीण भारत के लिए किफायती और सुगम हाउसिंग को बढ़ावा देना है.

इसका उद्देश्य बेघरों को फाइनेंशियल सहायता और पुराने घरों में रहने वालों को पक्के घरों के निर्माण में सहायता प्रदान करना है. मैदानी इलाकों में रहने वाले लाभार्थी रु. 1.2 लाख तक प्राप्त कर सकते हैं और उत्तर-पूर्वी, पहाड़ी क्षेत्रों, इंटीग्रेटेड ऐक्शन प्लान (IAP),और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले हाउसिंग के लिए रु. 1.3 लाख तक का लाभ उठा सकते हैं. वर्तमान में, ग्रामीण विकास मंत्रालय से उपलब्ध डेटा के अनुसार, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 1,03,01,107 मकानों को स्वीकृति दी जा चुकी है.

रियल स्टेट सेक्टर में खरीद को बढ़ावा देने के प्रयास में, सरकार ने PMAY की शुरुआत की, हाउसिंग डेवलपमेंट की इस लागत को केन्द्र और राज्य सरकार में निम्नलिखित तरीकों से शेयर किया जाएगा:

मैदानी क्षेत्रों के लिए 64:40.

उत्तर-पूर्वी और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 90:10.

इस PMAY स्कीम के लाभार्थियों की पहचान सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) से उपलब्ध डेटा के अनुसार की जाएगी और इसमें शामिल होंगे -

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति.

गैर-SC/ST और BPL में आने वाले अल्पसंख्यक.

स्वतंत्र बंधुआ मजदूर.

अर्धसैनिक बलों के परिजन और विधवाएं तथा ऐक्शन में मारे गए व्यक्ति, पूर्व सैनिक, और रिटायरमेंट स्कीम के अंतर्गत आने वाले व्यक्ति शामिल हैं.योगी सरकार ने लाखों निर्धनों को दिये पक्के मकान और इज्जत घर

प्रधान मंत्री आवास योजना के अतिरिक्त ,उत्तरप्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत अबतक यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग आठ हजार लोगों को पक्के मकान बनाकर दिये ,जिसका लाभ अनुसूचित. जाति ,अनुसूचित जनजाति ,अल्पसंख्यको ,पिछड़ों व अति पिछड़ों को मिला है

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