अडाणी ग्रुप ने चीनी ड्रैगन को दिया बड़ा झटका, कोलंबो पोर्ट पर टर्मिनल बनाएगा अडाणी ग्रुप

देश में कांग्रेस पार्टी से लेकर वामपंथी दल केन्द्र सरकार को घरने के लिए अडानी अंबानी जैसे उद्योगपतियो के नाम का इस्तेमाल कर रहे है। उद्योगपति मित्रो को फायदा पहुंचा रहे है सरकार ये आरोप लगातार लगाए जा रहे है बदनाम करने के लिए तमाम हथकंडे अपनाए जा रहे है । लेकिन अब बड़ी खबर यह है किभारत ने चीनी ड्रैगन को बड़ा झटका देते हुए श्रीलंका में 70 करोड़ डॉलर का एक रणनीतिक डीप सी कंटेनर टर्मिनल का समझौता किया है। द श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी और भारत के अडाणी समूह ने यह बड़ा समझौता किया है।
बता दें यह वही अडानी ग्रुप जो लगातार उन एजेंडाधारियो के निशाने पर है जो देश को अंतराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर करना चाहते है बदनाम करना चाहते है पाकिस्तान और चीन के प्रोपगेंडा को आगे बढा रहे है। और अब माना जा रहा है कि भारत ने श्रीलंका में चीन के बढ़ते प्रभाव को करारा जवाब देने के लिए यह समझौता किया है।
Adani has bought a strategic port in Sri Lanka, this may not be important for our media but Adani is doing a great national service by giving a direct competition to the Chinese.
— अंकित जैन (@indiantweeter) October 1, 2021
द श्रीलंका पोर्ट्स ने एक बयान जारी करके कहा, 'यह समझौता करीब 700 मिलियन डॉलर का है जो श्रीलंका के बंदरगाह सेक्टर में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश है।' इसमें कहा गया है कि अडाणी इस बंदरगाह को स्थानीय कंपनी जॉन कील्स के साथ मिलकर बनाएगी। इस टर्मिनल में जॉन कील्स का हिस्सा करीब 34 फीसदी होगा जबकि अडाणी के पास 51 फीसदी की हिस्सेदारी होगी।
चीन को भारत एक के बाद एक बड़े झटके दे रहा है पहले ही चीनी ऐप्स को बैन कर चुका है, चीन की चालबाजी का नतीजा यह है कि दुनियाभर में भी अब चाइनीज प्रोडक्ट्स की मांग घटने लगी है। वही चीन के लिए भारत एक बड़ा बाजार रहा है, चीन से बड़े पैमाने पर प्रोडक्ट्स भारत आयात किए जाते हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनों में भारत ने चीन कारोबार के मोर्चे पर तगड़ा झटका दिया है। जिसका असर अब चीन की आर्थिक सेहत पर पड़ने लगा है।
अब जिस तरह से श्रीलंका चीन के कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। श्रीलंका पर चीन का पहले से ही अरबों डॉलर का कर्ज है। श्रीलंका को चीन की कर्ज के जाल में उलझते देख भारत समेत कई पश्चिमी देश परेशान हैं। दरअसल इन देशों को डर है कि कहीं चीन कर्ज के एवज में पूरे श्रीलंका पर कब्जा न कर ले। ऐसी स्थिति में हिंद महासागर में चीन को बड़ी ताकत मिल जाएगी। और उसी ताकत को कमजोर करने के लिए अब भारत के अडानी ग्रुप ने श्रीलंका के साथ यह समझौता किया है।
करीब 700 मिलियन डॉलर का यह समझौता है इस तरह से पूरा पोर्ट अडाणी के नियंत्रण में रहेगा। इसका नाम कोलंबो वेस्ट इंटरनैशनल टर्मिनल रखा गया है। यह नया कंटेनर जेटी करीब 1.4 किलोमीटर लंबा है। यह करीब 20 मीटर गहरा है और यह हर साल 32 लाख कंटेनर हैंडल करेगा। इस प्रॉजेक्ट के पहले चरण में 600 मीटर टर्मिनल बनाया जाएगा और यह दो साल के अंदर पूरा हो जाएगा।