कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई से भड़कीं महबूबा, कहा- बिना सबूत गिरफ्तारी की कीमत सबको चुकानी पड़ेगी
सवाल- चुन चुन कर हिंदुओं की हत्या करने वालों का समर्थन क्यों ?
जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ हो रही कार्रवाई से महबूबा मुफ्ती की बौखलाहट बढ़ी हुई है और इसी कड़ी में हर बात पर पाक का राग अलापने वाली महबूबा मुफ्ती ने आतंकवादियों का समर्थन किया है और आतंककियों के किलाफ हो रही कार्रवाई से मुफ्ती भड़की हुईं हैं इसी कड़ी में आतंकियों के समर्थन में महबूबा मुफ्ती का बयान सामने आया है जिसमें मुफ्ती ने कहा है कि बिना सबूत गिरफ्तारी की कीमत सबको चुकानी पड़ेगी , जी हां दरअसल कश्मीर में हिंदुओं पर हो रहे टारगेट को लेकर केंद्र सरकार एक्टिव मोड पर है और इसी कड़ी में एनआईए आतंकियों के खिलाफ अलग अलग जगह पर छापेमारी कर रही है जिससे पीडीपी चीफ बौखलाई हुई हैं ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर चुन चुन कर हिंदुओं की हत्या करने वालों का समर्थन क्यों किया जा रहा है ?
मुफ्ती ने कहा कि राज्य में अल्पसंख्यकों की हत्याएँ सुरक्षा में नाकामियों के कारण हुई हैं। इसलिए उन लोगों को जवाबदेह बनाया जाए, जो अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने में नाकाम रहे। महबूबा मुफ्ती ने कहा, हालिया हत्याएँ (कश्मीर में) दुखद हैं। यह सरकार की विफलता है। कवर-अप के रूप में सरकार बिना सबूत के लोगों को गिरफ्तार करती रही तो इसके नतीजे खतरनाक होंगे। इसकी कीमत सभी को चुकानी पड़ेगी।
Not taking responsibility & arresting 700 civilians shows their intention to shift blame & absolve themselves. Collective punishment & humiliation of an entire population has become the one size fits all approach to resolve problems caused due to GOI's punitive policies
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 12, 2021
इसके अलावा, महबूबा ने इस्लामिस्ट प्रोपेगेंडा चैनल अल जजीरा की कश्मीर से संबंधित खबर को रीट्वीट करते हुए लिखा, "जम्मू-कश्मीर प्रशासन को अल्पसंख्यकों पर हमले की पहले से सूचना थी। फिर भी उन्होंने इन इनपुट्स को नजरअंदाज कर दिया। इसके बजाय वे केंद्रीय मंत्रियों को सुरक्षा प्रदान करने में व्यस्त थे, जो जम्मू-कश्मीर दौरे पर थे।" इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी नहीं लेना और 700 नागरिकों को गिरफ्तार करना दूसरे पर दोष को मढ़ना है।
तो वहीं दूसरी ओर फारूक अब्दुल्ला बोले-कश्मीर में शांति के लिए भारत-पाकिस्तान साथ बैठें, जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों के खिलाफ देशभर में गुस्सा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भी आतंकियों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि आम लोगों की हत्या करने वाले दहशतगर्दों का नरक में इंतजार हो रहा है। अब्दुल्ला ने ये बात इंडिया टुडे टीवी को दिए इंटरव्यू में कही है। उनका कहना है कि इस्लाम निर्दोष लोगों की हत्या की इजाजत नहीं देता, कट्टरपंथियों को ये बात समझनी चाहिए। इसके साथ ही अब्दुल्ला ने पाकिस्तान से बातचीत करने की पैरवी भी की है। उन्होंने कहा है कि हिंसा को खत्म करने के लिए सबसे अच्छा ये रहेगा कि भारत और पाकिस्तान एक साथ बैठें और शांति बहाली पर काम करें। इससे बड़ा बदलाव आएगा। हम हमेशा से कहते आए हैं कि बैठक हो और बातचीत हो। इसके साथ ही अब्दुल्ला ने एक बार फिर आर्टिकल 370 हटाने के फैसले पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जब आर्टिकल 370 हटाया गया तभी लगा था कि चीजें ठीक नहीं होंगी, हालात ज्यादा बिगड़ेंगे और ऐसा ही हुआ।
बता दें पिछले दिनों से ही कश्मीर में हिंदुओं के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियां तेज हो गई हैं जिसमें हिंदुओं और सिक्खों को चुन चुन कर मारा जा रहा है, धर्म के आधार पर हत्याएं की जा रही हैं, 5 अक्टूबर को माक्खन लाल बिंदु की हत्या मेडिकल में कर दी गई जिनका दोष सिर्फ इतना था कि माक्खन लाल ने1990 के उस मुश्किल दौर में भी अपना धर्म नहीं छोड़ा और अब तक उसे फॉलो कर रहे थे इसलिए उनकी हत्या कर दी गई तो वहीं इसके ठीक एक घंटे बाद अवंतीपुरा में भी विरेंद्र पासवान बिहारी मजदूर की हत्या की गई मजदूरी करते थे, ठेला लगाते थे) यही नहीं स्कूल के अध्यापकों को भी निशाना बनाया गया, पहले धर्म पूछकर कई शिक्षकों को भी मौत के घाट उतार दिया गया, आतंकवादियों का साफ संदेश है कि यहां पर सिर्फ एक धर्म के लोग रहेंगे आतंकी के तार लश्कर ए ताईबा के TRF से जुड़े हैं जिनकी लगातार धरपकड़ की जा रही है 6 से ज्यादा आतकिंयों को मुठभेड़ के दौरान ढेर भी किया गया जिनमें से कई हिंदुओं की हत्या में शामिल थे ।
Lata KC
News Anchor & reporter