गृह मंत्री अमित शाह ने ई-जनगणना को लेकर किया बड़ा एलान, कहा - अगली बार देश में होगी ई-जनगणना जो 100% सही होगी
गृह मंत्री अमित शाह ने ई-जनगणना को लेकर किया बड़ा एलान, कहा - अगली बार देश में होगी ई-जनगणना जो 100% सही होगी
गृह मंत्री अमित शाह ने ई-जनगणना को लेकर बड़ा एलान किया है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, अगली जनगणना शतप्रतिशत सटीकता के साथ पूरी तरह डिजिटल होगी। जन्म और मृत्यु रजिस्टर को जनगणना के साथ जोड़ा जाएगा। गृहमंत्री ने कहा कि देश में प्रत्येक जन्म और मृत्यु के बाद इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रिया से स्वतः जनगणना अद्यतन की जाएगी। गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा की देश में ई-जनगणना होगी और 2024 तक देश में सभी जन्म और मृत्यु को जनगणना से जोड़ दिया जाएगा जो अपने आप अपडेट होता रहेगा। कोरोना महामारी के चलते जनगणना प्रक्रिया में देरी हुई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि अगली जनगणना 'ई- जनगणना' होगी और यह 100% सही होगी क्योंकि सरकार ने इसमें अत्याधुनिक तकनीकों को जोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने आगे कहा, "अगली ई- जनगणना अगले 25 वर्षों की नीतियों को आकार देगी और इससे जुड़ा साफ्टवेयर लान्च होने के बाद मैं और मेरा परिवार सबसे पहले आनलाइन विवरण भरेंगे।
जनगणना आकड़ो का ऐसा स्त्रोत है जिसके आधार पर केंद्र व राज्य सरकारें अपनी नीतियां बनाती हैं।
— Amit Shah (@AmitShah) May 9, 2022
जनगणना एक साथ हमें कई सर्वेक्षणों से बचाने का काम करती है।
मोदी सरकार ने तय किया है कि अब जो जनगणना होगी वह ई-जनगणना होगी जिसके आधार पर देश के अगले 25 साल के विकास का खाका तैयार होगा। pic.twitter.com/TyClkoPWow
अमित शाह ने कहा की जनगणना आकड़ो का ऐसा स्त्रोत है जिसके आधार पर केंद्र व राज्य सरकारें अपनी नीतियां बनाती हैं।जनगणना एक साथ हमें कई सर्वेक्षणों से बचाने का काम करती है।मोदी सरकार ने तय किया है कि अब जो जनगणना होगी वह ई-जनगणना होगी जिसके आधार पर देश के अगले 25 साल के विकास का खाका तैयार होगा।उन्होंने कहा की जनगणना को नये नजरिये से देखना समय की जरूरत है।जनगणना के काम को पेपर census से डिजिटल census की ओर ले जाने का ये एक ऐतिहासिक वर्ष है।मैं स्वयं भी अपने परिवार के सदस्यों का डेटा ई-फॉर्म के रूप में भरूंगा। और मुझे विश्वास है कि देश की जनता भी जागरूकता के साथ इसमें सहयोग करेगी।जनगणना ही आर्थिक विकास में पीछे रह गए देश के भौगोलिक क्षेत्रों व सामाजिक समूहों को इंगित करती है।
सामाजिक संरचना में होते बदलावों और देश की विभिन्न भाषा-संस्कृतियों का परिचय भी जनगणना कराती है।
लेकिन दुर्भाग्य से इतनी बहुआयामी कवायद को जितना महत्व मिलना चाहिए था वह नहीं मिला।
जनगणना को नये नजरिये से देखना समय की जरूरत है।
— Amit Shah (@AmitShah) May 9, 2022
जनगणना के काम को पेपर census से डिजिटल census की ओर ले जाने का ये एक ऐतिहासिक वर्ष है।
मैं स्वयं भी अपने परिवार के सदस्यों का डेटा ई-फॉर्म के रूप में भरूंगा। और मुझे विश्वास है कि देश की जनता भी जागरूकता के साथ इसमें सहयोग करेगी। pic.twitter.com/YRtZ9s0vsG
Anjali Mishra
News Anchor & Reporter