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रूस को लेकर अमेरिका की चेतावनी पर भारत का मुंहतोड़ जवाब, विदेश मंत्री जयशंकर ने बाइडेन को किया खबरदार

रूस को लेकर अमेरिका की चेतावनी पर भारत का मुंहतोड़ जवाब, विदेश मंत्री जयशंकर ने बाइडेन को किया खबरदार
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रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जबरदस्त जंग के बीच दुनिया के पश्चिमी देश खासतौर पर अमेरिका भारत के खिलाफ अलग ही खेल खेल रहा है। अमेरिका समेत यूके या फिर यूरोपियन यूनियन के कुछ देश भारत की रुस के साथ अच्छी पार्टनरशिप को लगातार टार्गेट कर रहे है। कभी इशार में तो कभी सीधे - सीधे भारत को धमकियां चेतावनी दी जा रही है। अब अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा उप-सलाहकार दलीप सिंह ने कहा है कि चीन ने कभी भारत में अतिक्रमण किया तो रूस उसके बचाव के लिए खड़ा नहीं होगा। हालाकि इससे पहले राष्‍ट्रपति जो बाइडन भी भारत को लेकर टिप्‍पणी कर चुके है।

लेकिन इन धमकियों और चेतावनियों ने भारत डरने वाला नही है यह भारत ने बता दिया है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका को मुंहतोड़ जवाब दिया। हाल के दिनों में उन्‍होंने सीधे-सपाट लहजे में भारत का पक्ष रखा है। गुरुवार को यूके की विदेश मंत्री के सामने बैठे-बैठे जयशंकर ने भारत विरोधी अभियान चलाने वालों को लताड़ दिया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर फ्रंटफुट पर बैटिंग कर रहे हैं। पिछले एक महीने में कई ऐसे मौके आए जब जयशंकर ने भारत का स्‍टैंड साफ किया और उसको जस्टिफाई भी किया। जयशंकर ने कहा कि रूस से तेल खरीदने के चलते भारत के खिलाफ अभियान चल रहा है। उन्‍होंने कहा कि यूरोप अब भी रूसी तेल का प्रमुख खरीदार है और कीमतें बढ़ने पर देशों का 'अच्‍छे सौदे' ढूंढना स्‍वाभाविक है। उन्होने कहा कि मैं श्‍योर हूं कि अगर हम 2-3 महीने रुककर देखेंगे कि रूसी तेल और गैस के बड़े खरीदार कौन हैं, तो मुझे लगता है कि लिस्‍ट पहले से ज्यादा अलग नहीं होगी। और मुझे लगता है कि हम उस लिस्‍ट के टॉप 10 में नहीं होंगे।

जयशंकर ने यह बात UK की विदेश मंत्री एलिजाबेथ ट्रूस की मौजूदगी में कही। वह जयशंकर की बात से सहमत नजर आईं। उन्‍होंने कहा, 'भारत एक संप्रभु देश है और मैं भारत को नहीं बताऊंगी कि उसे क्‍या करना है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहे सैयद अकबरूद्दीन ने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने पर अमेरिकी डिप्टी एनएसए की आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'तो ये हमारा दोस्त है। ये कूटनीति की भाषा नहीं है. ये जबरदस्ती की भाषा है. कोई इस युवक को बताए कि एकतरफा दंडात्मक प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है।

पहले अमेरिका ने दी थी धमकी

इससे पहले भारत को लेकर अमेरिका ने बड़ा बयान दिया था और कहा था कि एलएसी का उल्लंघन करने पर मॉस्को भारत की मदद नहीं करेगा क्योंकि चीन और रूस अब साथ हैं। अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने अपने भारत यात्रा के दौरान एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि कोई भी इस बात पर भरोसा नहीं करेगा कि अगर चीन LAC का उल्लंघन करता है तो रूस भारत की मदद के लिए दौड़ता हुआ आएगा।

Shipra Saini

Shipra Saini

News Anchor


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