सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी इत्र कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों से 177.45 करोड़ रुपये बरामद
इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर, कन्नौज, मुम्बई और गुजरात के ठिकानो पर डीजीजीआई की टीम ने की छापेमारी,घर से 177 करोड़ की नकदी बरामद ।

उत्तर प्रदेश के कानपुर में इत्र कारोबारी और अखिलेश यादव के करीबी पीयूष जैन के ठिकानो पर जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की टीम ने छापेमारी तो यूपी की सियासत में तहलका मच गया। नोटो से भरी अलमारियां,नकदी गिनने के लिए मशीने भी कम पड़ गई जिसके बाद नोट गिनने के लिए और मशीने लगाई गई और अब नोटो की गिनती पूरी हो चुकी है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीम शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के इतिहास में कानपुर में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों से १७७.४५ करोड़ रुपये की नकद बरामदगी कीर्तिमान बन गई है।एक टीवी चैनल से बातचीत में सीबीआईसी के निदेशक विवेक जौहरी ने इसकी पुष्टि की है।
Kanpur: Directorate General of GST Intelligence seizes Rs 177.45 crore cash in raids on perfume company
— ANI Digital (@ani_digital) December 25, 2021
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बता दें कि गुरुवार ये शुरु हुई ये छापेमारी शनिवार को खत्म हुई। गुरुवार को डीजीजीआई की टीम ने पीयूष जैन के मुंबई, कन्नौज, गुजरात और कानपुर के ठिकानों पर छापेमारी की। जहां ये बड़ा खुलासा हुआ कि पीयूष जैन का हवाला का बड़ा कारोबार है। वह ट्रकों से 50 हजार रुपये तक की इनवाइस के जरिये किराने के किराना और सुपाड़ी की आड़ में हवाला से जुड़ी मोटी रकम मुंबई समेत दूसरे शहरों को भेजता था।
लेकिन अब इतनी बड़ी नकदी बरामदगी के बाद पीयूष जैन के साथ- साथ सपा अध्यक्ष यादव की भी मुश्किले बढ़ सकती है। क्योकि नियम के मुताबिक एक करोड़ रुपये से अधिक की बरामदगी पर आरोपी को जेल भेजने का प्रावधान है। ऐसे में पीयूष जैन का जेल जाना लगभग तय है। खबरो के मुताबिक डीजीजीआई की जांच पूरी होने के बाद ईडी, आयकर विभाग अपने स्तर से कार्रवाई शुरू करेंगे।
बता दें कि पीयूष जैन का नाम भारत में इत्र के बड़े व्यवसायियों में शुमार हैं। उनका इत्र एक्सपोर्ट भी किया जाता है। और हाल ही में लखनऊ में अखिलेश यादव की मौजूदगी में समाजवादी नाम से परफ्यूम को लॉन्च किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि 2022 के चुनावों को देखते हुए यह इत्र 22 फूलों से बनाया गया है। इसकी खुशबू देश ही नहीं, विदेश तक फैलेगी।और यही वजह है कि इस छापेमारी के साथ सियासत भी गरमा गई है। बीजेपी लगातार समाजवादी पार्टी पर हमलावर है और अखिलेश यादव से जवाब मांग रही है।