जम्मू कश्मीर पहुंचे केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की देशद्रोहियों को कड़ी चेतावनी, बौखलाई महबूबा मुफ्ती, फारुक अब्दुल्ला

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे पर है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद केंद्र शासित प्रदेश की यह उनकी पहली यात्रा है। जम्मू कश्नीर के अगर ताजा हालात की बात करे तो बीते कुछ दिनो में वहां अल्पसंख्यक हिन्दुओ और सिखो को आंतकवादियो ने निशाना बनाया है। कई लोगो की हत्या की गई है। कश्मीरी पंडितो का पूर्वानास महबूबा मुफ्ती फारुख अब्बदुल्ला और उनके आका पाकिस्तान को रास नही आ रहा है और यही वजह है कि वहां एक बार फिर 90 के दशक वाले हालात बनाने की कोशिश हो रही है।
लेकिन इस बीच केन्द्रीय गृह मंत्री अपने तीन दिवसीय दौरे पर सबसे पहले श्रीनगर पहुंचे है। जहां उन्होने देशद्रोहियो को स्पष्ट संदेश दिया कि जम्मू कश्मीर की शांति भंग करने को नही बख्शा जायेगा। लेकिन गृह मंत्री के इस दौरे से महबूबा मुफ्ती से लेकर फारुख अब्बदुल्ला के हाथ पांव कितने फूले हुए यह उनके बयानो में साफ तौर पर समझा जा सकता है।
महबूबा मुफ्ती ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए है जिसमें उन्होने लिखा कि अमित शाह के दौरे से पहले 700 नागरिकों को हिरासत में लिया गया।पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया और कई को कश्मीर के बाहर की जेलों में भेज दिया गया। इस तरह के दमनकारी कदम पहले से ही तनावपूर्ण माहौल को और बिगाड़ देते हैं। 'सामान्यता कलाबाजी' पूरे जोरों पर है जबकि वास्तविकता को नकारा और अस्पष्ट किया गया है।
HM inaugurating international flights from Srinagar & laying foundation of new medical colleges isn't new. Half a dozen medical colleges were sanctioned by UPA gov & are functional now. Post Article 370 abrogation & an engineered crisis, J&K has been thrown into chaos.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 23, 2021
एक दूसरे ट्वीट में महबूबा मुफ्ती ने लिखा कि "श्रीनगर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का उद्घाटन और नए मेडिकल कॉलेजों की नींव रखना कोई नई बात नहीं है यूपीए सरकार ने आधा दर्जन मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए थे और अब काम कर रहे हैं। साथ ही कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और एक संकट पैदा करने के बाद, जम्मू-कश्मीर को अराजकता की स्थिति में छोड़ दिया गया है।" उन्होंने कहा कि यहां के लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार को असली समस्याओं का समाधान करना चाहिए। महबूबा ने कहा, "यह संकट भारत सरकार का बनाया हुआ है और लोगों तक पहुंचने के बजाय उन्होंने दिखावटी का विकल्प चुना, जो वास्तविक समस्या का समाधान नहीं करता है।
बता दें कि जम्मू कश्मीर में बीते कुछ दिनो से अल्पसंख्यको पर हमले हो रहे हो रहे है। दहशतगर्द कई लोगो को मौत के घाट उतार चुके है। जिसके बाद से सुरक्षा एजेंसिया हाई अर्लट पर है। और साथ ही एनआईए का ताबाड़तोड एक्शन भी इन दहशतगर्दो पर जारी है। इस आतंक को अंजाम देने वाले आतंकी संगठनो से जुडे करीब ७०० लोगो को NIA ने डिटेन किया है। वही सुरक्षा एजेंसिया आतंकियो का सफाया करने में जुटी हुई है।
इतना ही नही गृह मंत्री कश्मीर के दौरे पर है और पाकिस्तान के हमदर्द फारुख अब्दुल्ला ने एक बार फिर पाकिस्तान का राग अलापते हुए कहा कि 'जब तक आप पाकिस्तान से बात नहीं करते, तब तक हम कभी जम्मू-कश्मीर में शांति से नहीं रह सकते।' साथ ही कश्मीरी पंडितो की वापसी से डरे फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि घाटी का माहौल कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए अनुकूल नहीं है।
जम्मू कश्मीर पहुंचे केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने बताया कि जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद वहां कर्फ्यू क्यों लगाया गया और इंटरनेट सेवा क्यों बद हुई? अमित शाह ने कहा, 'लोग कर्फ्यू को लेकर और इंटरनेट सस्पेंड किये जाने को लेकर सवाल पूछते हैं। अगर वहां कर्फ्यू नहीं होता तो पता नहीं कितने लोगों की जान चली जाती। कश्मीरी युवाओं को कर्फ्यू और इंटरनेट सस्पेंड करने की वजह से ही बचाया जा सका। तीन परिवारों ने 70 साल तक राज किया...तब क्यों 40,000 लोग मारे गए।'