कृषि कानूनों के रद्द होने पर कैप्टन अमरिंदर ने जताई खुशी, पंजाब में होगा पंजाब लोक कॉन्ग्रेस - बीजेपी गठजोड़?

कृषि कानूनों के रद्द होने पर पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर ने खुशी जाहिर की है लेकिन इसी के साथ पंजाब में सियासत के रंद भी दिखने लगे है। पंजाब के पूर्व सीएम और कॉन्ग्रेस के पूर्व नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले पर खुशी जाहिर की और कहा कि वे किसानों के विकास के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाले केंद्र के साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्सुक हूँ । उनके इस बयान के बाद यह माना जा रहा है कि अगले साल पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों में बीजेपी और कैप्टन अमरिंदर सिंह की नवगठित पार्टी 'पंजाब लोक कॉन्ग्रेस' के बीच गठबंधन हो सकता है।
खुशी की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कृषि क़ानून किसानों के ख़िलाफ़ थे, उन्हें वापस लिया है और माफी भी किसानों से मांगी है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का धन्यवाद करता हूं। इससे ज़्यादा कोई कुछ नहीं कर सकता: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह pic.twitter.com/SBmzAsEJbf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 19, 2021
'This has not only come as huge relief to farmers but has paved way for Punjab's progress. I look forward to working closely with @BJP4India led centre for development of Kisans. I promise Punjab's people I won't rest till I wipe every tear from every single eye': @capt_amarinder https://t.co/Ym2NUYBtPd
— Raveen Thukral (@RT_Media_Capt) November 19, 2021
बता दें कि कांग्रेस से अलग होकर कैप्टन अमरिंदर ने एक अलग पार्टी बनाने की घोषणा की साथ ही कैप्टन ने 19 अक्टूबर को कहा था कि अगर केंद्र सरकार किसानों के हित में कृषि कानूनों को वापस लेती है तो वह पंजाब विधानसभा चुनावों में भाजपा के साथ गठबंधन पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा था, "अगर किसानों के हित में #FarmersProtest का समाधान किया जाता है तो 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ सीट व्यवस्था की आशा है। समान विचारधारा वाले दलों जैसे अलग हुए अकाली समूहों, विशेष रूप से ढींढसा और ब्रह्मपुरा गुटों के साथ गठबंधन किया जा सकता है।"
साथ ही बता दें कि अकाली दल जिसने कृषि कानून के विरोध के नाम पर बीजेपी से अलग होने का फैसला कर लिया था। अब अकाली दल ने भी केन्द्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। पंजाब के सियासी हालात देखें तो अकाली दल, भाजपा और कैप्टन अमरिंदर सिंह एक-दूसरे की सियासी जरूरत हैं। तो ऐसे में अब नजरे गठबंधन पर टिकी हुई है लेकिन इतना तय है कि पंजाब में यह गठबंधन कांग्रेस के लिए बड़ा झटका हो सकता है।