बंगाल हिंसा मामले में CBI का बड़ा एक्शन, ममता के करीबी नेता समेत 11 लोगो को किया गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव नतीजो के बाद हुई हिंसा पर सीबीआई ने बड़ा एक्शन लिया है । पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के बाद हिंसा घटनाओं के सिलसिले में पूर्वी मेदिनीपुर से 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। दरअसल कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद CBI बंगाल में हिंसा के गंभीर मामलो की जांच कर रही है। और इसी कड़ी में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने पांचवी चार्जशीट दाखिल की है। बड़ी बात यह है कि सीबीआई ने बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या के मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें टीएमसी के नेता शेख सूफियान के दामाद शेख हकीबुल भी शामिल हैं। बता दें कि शेख को ममता बनर्जी का काफी करीबी माना जाता है. नंदीग्राम में हुए चुनाव के दौरान वह ममता बनर्जी के चुनाव एजेंट रह चुके हैं।
Correction: The 11 accused have been arrested by CBI from East* Medinipur in connection with post-poll violence in West Bengal
— ANI (@ANI) October 9, 2021
केंद्रीय एजेंसी की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता देवव्रत माइती की हत्या के सिलसिले में हल्दिया कोर्ट में यह चार्जशीट दाखिल की गई है। शेख फतेनूर, शेख मिजानूर और शेख इम्दुलाल के खिलाफ यह चार्जशीट दाखिल हुई है। जो तीनों ही तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं। इस हत्या के सिलसिले में केंद्रीय एजेंसी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनावी एजेंट रहे शेख सुफियान और तृणमूल के दो अन्य नेताओं से पूछताछ की थी।
बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश पर पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा का ब्यौरा लेने पहुंची मानवाधिकार आयोग की टीम के पास देवव्रत के परिवार ने शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि पहले उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों से कुछ भी कहने से इनकार कर दिया था और हमले की आशंका जाहिर की थी लेकिन सीबीआई की अनुशंसा पर उनके घर के बाहर पुलिसकर्मियों की तैनाती हुई थी। जिसके बाद उन्होंने सीबीआई के अधिकारियों को हत्यारों के नाम बताए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा के मामले में सीबीआई ने नंदीग्राम और सीतलकुची में दो मामले दर्ज किए थे। इसके अलावा केंद्रीय एजेंसी ने अलग-अलग थानों में करीब 30 से अधिक केस दर्ज की है।
सीबीआई की इस कार्रवाई को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। टीएमसी ने इस कार्रवाई को बीजेपी की ओर से बदले की साजिश करार दिया है। टीएमसी ने इस कार्रवाई को नंदीग्राम से ममता बनर्जी को मात देने वाले शुभेंदु अधिकारी के बयान से जोड़ा है। अपने इस कथित बयान में शुभेंदु अधिकारी ने कहा था कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की जांच में जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। टीएमसी के आरोपों को खारिज करते हुए बीजेपी ने कहा है कि इस ऐक्शन का केंद्र सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। पार्टी ने कहा कि सीबीआई की जांच हाई कोर्ट के आदेश पर हो रही है और यह उसके तहत ही ऐक्शन हुआ है। इसका सरकार से कोई ताल्लुक नहीं है।