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बॉम्बे HC से नवाब मलिक को बड़ा झटका, वानखेड़े के खिलाफ चार महीने तक टिप्पणी नहीं कर सकेंगे नवाब मलिक

बॉम्बे HC से नवाब मलिक को बड़ा झटका, वानखेड़े के खिलाफ चार महीने तक टिप्पणी नहीं कर सकेंगे नवाब मलिक
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महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एनसीपी नेता नवाब मलिक को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट के जस्टिस एसजे कथावाला और जस्टिस मिलिंद जाधव की खंडपीठ ने हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश के रद्द कर दिया है। इसमें कहा गया ​है कि मंत्री नवाब मलिक अधिकारी समीर वानखेड़े के विरोध में चार महीने तक कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने जस्टिस माधव जामदार के सिंगल बेंच ऑर्डर को रद्द कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के खिलाफ बोल सकते हैं क्योंकि वह एक पब्लिक ऑफिसर है।

एक एकल-न्यायाधीश पीठ समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव के मानहानि के मुकदमे की महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ अब से बारह सप्ताह बाद यानी 28 मार्च तक नए सिरे से सुनवाई करेगी। बता दें कि वानखेड़े के पिता द्यानदेव वानखेड़े ने दीवाली की छुट्टी के दौरान मलिक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। न्यायमूर्ति जामदार ने वाद को विस्तार से सुना था और कहा था कि मलिक ने द्वेष और नाराजगी के कारण गलत बयान दिए थे। मलिक को वानखेड़े के खिलाफ बोलने से पहले सत्यापन में उचित सावधानी दिखानी चाहिए थी।

सोमवार तक का मांगा था समय

जस्टिस एसजे कथावाला और जस्टिस मिलिंद जाधव की खंडपीठ ने महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को कड़ी फटकार लगाई थी। यह फटकार नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ सार्वजनिक बयानबाजी को लेकर थी। इसके बाद मलिक को कहना पड़ा था कि वे 9 दिसंबर तक वानखेड़े के खिलाफ कोई भी टिप्पणी नहीं करेंगे। बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस कथावाला ने कहा कि नवाब मलिक कैसी पब्लिसिटी चाहते हैं। एक मंत्री पद पर होते हुए क्या उनको ऐसे कार्य शोभा देते हैं।

खंडपीठ ने कहा कि एकल पीठ के न्यायाधीश 28 मार्च तक मामले की सुनवाई करेंगे। तब तक मलिक वानखेड़े के खिलाफ कोई भी सार्वजनिक बयान नहीं देंगे।

Shipra Saini

Shipra Saini

News Anchor


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