Pyara Hindustan
National

दिल्ली HC में राकेश अस्थाना की बड़ी जीत, नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका हाई कोर्ट ने खारिज की

दिल्ली HC में राकेश अस्थाना की बड़ी जीत, नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका हाई कोर्ट ने खारिज की
X

दिल्ली पुलिस कमिश्नर के रूप में राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। दिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला जहां एक तरफ केन्द्र सरकार और राकेश अस्थाना की बड़ी जीत है तो वही दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल सरकार, प्रशांत भूषण और तमाम एजेंडाधारियो के लिए बड़ा झटका है। बता दें कि एक एनजीओ सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन ने राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देते हुए हस्तक्षेप याचिका दाखिल की थी। इसके अलावा भी एक अन्य याचिका कोर्ट में दाखिल की गई थी जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। याचिकाकर्ता सद्रे आलम की ओर से अधिवक्ता बीएस बग्गा पेश हुए, जबकि अधिवक्ता प्रशांत भूषण मामले में एनजीओ सेंटर फॉर पीआईएल (सीपीआईएल) के हस्तक्षेपकर्ता की ओर से पेश हुए।

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की खंडपीठ ने 27 सितंबर को फैसला सुरक्षित रखने के बाद फैसला सुनाया था। और इस मामले पर हाईकोर्ट ने इससे पहले केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। केंद्र द्वारा अस्थाना की नियुक्ति को प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के उल्लंघन में तर्क दिया गया था ।सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार की ओर से दलीलों का नेतृत्व किया था। उन्होंने तर्क दिया कि प्रकाश सिंह का फैसला केवल राज्यों के पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) पर लागू होता है, दिल्ली के पुलिस आयुक्त पर नहीं। उन्होंने कहा कि अस्थाना को जनहित में इस पद पर नियुक्त किया गया था क्योंकि उनके पास आवश्यक अनुभव था, उन्होंने कहा, अन्य बातों के साथ।

बता दें कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर के रूप में राकेश अस्थाना की नियुक्ति का कड़ा विरोध किया था। उन्होने कहा था कि, 'यह नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है।सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि डीजीपी स्तर पर किसी की नियुक्ति होनी है, तो उनकी सेवानिवृत्ति में कम से कम 6 महीने का वक्त होना चाहिए। बता दें कि राकेश अस्थाना को बालाजी श्रीवास्तव की जगह कमिश्नर बनाया गया था। इतना ही नही वहीं दिल्ली विधानसभा में अस्‍थाना की पुलिस कमिश्‍नर के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ बाकयदा प्रस्‍ताव पारित किया था और केंद्र सरकार से इस नियुक्ति को वापस लेने को कहा था। मनीष सिसोदिया ने राकेश अस्थाना को का बह्मास्त्र बताया था ।

राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के तौर पर नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था। अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका एक एनजीओ द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी। तब देश की सर्वोच्च अदालत ने इस मामले को हाईकोर्ट के सामने ले जाने को कहा था।

अस्थाना का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने बेंच के सामने दावा किया कि याचिकाकर्ता किसी ऐसे व्यक्ति के लिए एक प्रतिनिधि (प्रॉक्सी) था जो सामने नहीं आना चाहता और 'व्यक्तिगत बदले की भावना' रखता है। केंद्र और अस्थाना दोनों ने सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की मामले में दखल की याचिका पर आपत्ति जताया था।




Shipra Saini

Shipra Saini

News Anchor


Next Story