Pyara Hindustan
National

ज्ञानदेव वानखेड़े ने नवाब मलिक के खिलाफ दोबारा बॉम्बे HC से लगाई गुहार, परिवार के खिलाफ फिर बयानबाजी से भड़के समीर वानखेड़े के पिता

ज्ञानदेव वानखेड़े ने नवाब मलिक के खिलाफ दोबारा बॉम्बे HC से लगाई गुहार, परिवार के खिलाफ फिर बयानबाजी से भड़के समीर वानखेड़े के पिता
X

एनसीबी मुम्बई के जोनल डॉयरेक्टर समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेडे ने नवाब मलिक के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। ज्ञानदेव वानखेडे ने बॉम्बे हाईकोर्ट के सामने एक हलफनामा दायर किया है। जिसमें उन्होने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने कोर्ट में वचन दिया था कि वह समीर वानखेडे और परिवार के खिलाफ टिप्पणी नहीं करेगे बावजूद इसके वानखेड़े परिवार के खिलाफ बयान देकर अदालत की अवमानना ​​​​की है।

समीर के पिता ज्ञानदेव के आवेदन में मानहानि के अतिरिक्त मामले दर्ज कर उचित कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका के मुताबित कथित तौर पर टीवी9 मराठी और सकल को क्रमश: 2 दिसंबर, 2021 और 4 दिसंबर, 2021 को बयान दिए गए थे। बता दें कि न्यायमूर्ति एसजे कथावाला और न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की खंडपीठ इस याचिका पर विचार करेगी।


दरअसल इससे पहले नवाब मलिक द्वारा समीर वानखेड़े और उनके परिवार पर लगाए गए आरोपो को लेकर वानखेडे के पिता ज्ञानदेव वानखेडे ने नवाब मलिक के खिलाफ मुकदमा दायर कर उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए 1.25 करोड़ का हर्जाना भरने की मांग की थी और मलिक या उनकी ओर से काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को उनके खिलाफ "अपमानजनक" पोस्ट करने से रोकने के निर्देश देने की मांग की गई थी।

इस पूरे मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई न्यायमूर्ति जमादार ने मलिक को वानखेड़े के खिलाफ बयान देने से रोकने से इनकार कर दिया। एकल न्यायाधीश ने यह भी कहा था कि मलिक ने पोस्ट की जांच नहीं की थी और उनके बयान द्वेष से प्रेरित प्रतीत हो रहे हैं। हालाकि 29 नवंबर को सहमति से पारित एक आदेश में मलिक ने वानखेड़े के खिलाफ किसी भी कथित मानहानिकारक बयान को तब तक पोस्ट नहीं करने का वचन दिया था जब तक कि एक एकल न्यायाधीश मानहानि के मुकदमे में वानखेड़े के अंतरिम आवेदन का फैसला नहीं करता।

बॉम्बे हाईकोर्ट की खंडपीठ ने वानखेड़े की अपील पर अंतरिम राहत देने से इनकार करने वाले एकल न्यायाधीश के 22 नवंबर के आदेश को रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति काथावाला और न्यायमूर्ति जाधव की पीठ ने पिछले सप्ताह ज्ञानदेव की अपील पर सुनवाई के दौरान कहा था कि वानखेडे के खिलाफ मलिक के बयान और ट्विट स्पष्ट रूप से दुर्भावना का मामला है और तार्किकता के आधार पर उन्हें इस तरह की टीका टिप्पणी करने से रोका जाना चाहिए। मलिक ने उस समय एकल पीठ का आदेश वापस लेने के ज्ञानदेव के अनुरोध का विरोध किया था।

सिर्फ इतना ही नही बॉम्बे हाईकोर्ट की खण्डपीठ ने नवाब मलिक पर समीर वानखेडे और उनके परिवार के खिलाफ चार महीने तक कोई भी टिप्पणी करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।





Shipra Saini

Shipra Saini

News Anchor


Next Story