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मोदी सरकार का पीओके पर बड़ा प्लान, केन्द्रीय मंत्री ने कहा जल्द भारत में शामिल होगा पाक अधिकृत कश्मीर

मोदी सरकार का पीओके पर बड़ा प्लान, केन्द्रीय मंत्री ने कहा जल्द भारत में शामिल होगा पाक अधिकृत कश्मीर
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जम्मू कश्मीर से आर्टिकल ३७० को खत्म करने के बाद अब मोदी सरकार का बड़ा एक्शन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर होगा। पाकिस्तान और उनके हमदर्द महबूबा मुफ्ती और फारुख अब्दुल्ला के लिए यह खबर किसी बडे झटके से कम नही है। केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि धारा 370 हटाने के बाद अब सरकार के एजेंडे में पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर को वापस लेना शामिल है और पीएम मोदी के नेतृत्व में ये संकल्प भी पूरा होगा। उन्होंने कहा कि भारत इसके लिए तैयार है।

बता दें कि केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने पीओजेके विस्थापितों को समर्पित मीरपुर बलिदान दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) को दोबारा प्राप्त करना अगला एजेंडा है। उन्होंने कहा कि जिस नेतृत्व में धारा 370 को खत्म करने की क्षमता और इच्छाशक्ति है, वह पाकिस्तान के अवैध कब्जे से पीओजेके को फिर से हासिल करने की क्षमता रखता है।

पाकिस्तान ने 25 नवंबर, 1947 को जम्मू-कश्मीर के मीरपुर-कोटली पर कब्जा कर हजारों लोगों की हत्या की थी। तब हजारों लोग पलायन कर जम्मू-कश्मीर में आ गए थे। मारे गए लोगों को इस बलिदान दिवस पर हर साल श्रद्धांजलि दी जाती है।

इस दौरान जितेन्द्र सिंह ने भारत विभाजन को इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी बताया और पाकिस्तान के अवैध कब्जे के कारण जम्मू और कश्मीर का एक हिस्सा खोना दूसरी त्रासदी कहा। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि यह राजनीति और राष्ट्रीय मुद्दे से ज्यादा मानवाधिकार के प्रति जिम्मेदारी है क्योंकि पीओजेके में हमारे भाई अमानवीय परिस्थितियों में रह रहे हैं, जहां स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रही।

लेकिन केन्द्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए इतिहास याद दिलाया और कहा कि तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने आजादी के समय 560 से अधिक रियासतों के विलय की जिम्मेदारी संभाली थी लेकिन उन्हें जम्मू-कश्मीर मामले से बाहर रखा गया क्योंकि प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जम्मू-कश्मीर को अपने स्तर पर संभालना चाहते थे। उन्होंने कहा कि 1947 में सर्दियों की शुरुआत में जब पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में हमला किया तो नेहरू वहां भारतीय फौज भेजने से हिचकिचा रहे थे। लेकिन पटेल के दृढ़ हस्तक्षेप के बाद सिख रेजीमेंट के जवान श्रीनगर भेजे गए। उन्होंने कहा कि भारतीय फौज जब पूरा जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान के चंगुल से छुड़ाने वाली थी, तभी नेहरू ने बिना किसी की राय लिए अपनी तरफ से युद्ध विराम कर दिया। उन्होंने कहा कि पटेल को अगर यह मामला निपटाने की खुली छूट दी गई होती तो पाक के कब्जे में जम्मू-कश्मीर का कोई हिस्सा नहीं होता।






Shipra Saini

Shipra Saini

News Anchor


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