किसान आंदोलन पर SC की तल्ख टिप्पणी, आंदोलन के नाम पर शहर का गला नहीं घोंट सकते आंदोलनजीवि

कृषि कानूनो के विरोध के नाम पर बीजेपी का विरोध कर रहे एजेंडाधारी राकेश टिकैत और उनकी गैंग को बड़ा झटका लगा है। किसान महापंचायत के नाम पर शहर शहर जाकर लोगो की परेशानी बढा रहे इन एजेंडाधारियो को सुप्रीम कोर्ट ने कडी फटकार लगाते हुए तल्ख टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'आप पहले ही शहर का गला घोंट चुके हैं और अब आप शहर में प्रवेश करना करना चाहते हैं?
बता दें कि किसान महापंचायत संगठन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें जंतर मंतर पर सत्याग्रह की इजाजत मांगी गई थी। याचिका में यह कहा गया था कि जिस तरह से संयुक्त किसान मोर्चा को किसान संसद चलाने की इजाजत दी गई थी इन्हे भी इजाजत मिलनी चाहिए।
Supreme Court pulls up Kisan Mahapanchayat for approaching the court to continue the protests by blocking the National Highways in Delhi-NCR. Supreme Court says protesting farmers are obstructing traffic, blocking trains and national highways. pic.twitter.com/1m7vznYa2j
— ANI (@ANI) October 1, 2021
जिस पर सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई हुई न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई करते हुए टिकैत एंड गैंग को कड़ी फटकार लगाई कोर्ट ने कहा कि जब आप कानूनों को चुनौती देने के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटाते हैं, तो विरोध जारी रखने का क्या मतलब है। अगर आपको अदालतों में विश्वास है, तो विरोध करने के बजाय तत्काल सुनवाई के लिए आगे बढ़ें। "
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आम जनता को असुविधा पहुंचाने वाले प्रदर्शनकारियों पर भी आपत्ति जताई। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की बेंच ने कहा कि "आपने शहर का गला घोंट दिया है और अब आप शहर के अंदर आकर विरोध करना चाहते हैं। यह मनाना बंद होना चाहिए। आपने राजमार्गों और सड़कों को अवरुद्ध कर दिया है।" कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारी संपत्ति को नष्ट कर रहे हैं और सुरक्षा कर्मियों को परेशान करते भी देखे गए। "यह पूरे मीडिया में था," कोर्ट ने टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि आपको विरोध करने का अधिकार है। लेकिन आप संपत्ति को नष्ट नहीं कर सकते। यह धंधा बंद होना चाहिए।
Court: You have a right to protest. But you cannot destroy property. This business should stop. You are also heckling the security person. This business has to stop.
— Live Law (@LiveLawIndia) October 1, 2021
वही याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता अजय चौधरी ने कहा कि किसानों ने नहीं बल्कि पुलिस कर्मियों ने राजमार्गों को अवरुद्ध किया है।उन्होंने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता संघ विरोध का हिस्सा नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता से इस आशय का एक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा कि वह विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं ले रहा है। अब इस मामले की फिर से सुनवाई सोमवार, 4 अक्टूबर को होगी।
SC asked Kisan Mahapanchayat to submit an affidavit that they are not part of farmers protest blocking the highways by Monday. It agreed to hear their plea once such an affidavit is filed and asked the organisation to furnish a copy of petition to attorney general K K Venugopal.
— The Times Of India (@timesofindia) October 1, 2021