आंदोलजीवियो के सर्मथन में उतरे एनसीपी प्रमुख शरद पवार, कहा- 'चुनावों के चलते लिया ये फैसला'

केन्द्र सरकार ने तीनो कृषि कानूनो को निरस्त करने का फैसला ले लिया। तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की ओर केन्द्र सरकार ने पहला कदम भी बढ़ा दिया है। कानून वापसी का प्रस्ताव मोदी कैबिनेट से मंजूर हो गया है। और शीतकालीन सत्र में इसे निरस्त कर दिया जाएगा लेकिन आंदोलनजीवि आंदोलन खत्म करने के मूड में नही है। अब राकेश टिकैत से लेकर तमाम एजेंडाधारी लोग अब इस आंदोलन को जारी रखने की अलग ही तरकीब खोज रहे है।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने आने वाले चुनावों की पृष्ठभूमि में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला लिया है। पवार ने दावा किया कि अगर संसद में तीन विधेयकों को पारित करने से पहले राज्यों और किसानों को विश्वास में लिया जाता तो आज स्थिति अलग हो सकती थी। बता दें कि किसानों के विरोध के चलते सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला लिया है। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दी।
इस दौरान शरद पवार की ओर से यह भी कहा गया कि 'मेरा दृढ़ मत है कि यह महाराष्ट्र सरकार अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी। अगर वे (एमवीए) अगला चुनाव एक साथ लड़ते हैं, तो वे फिर से सत्ता में आएंगे।'
I am of the firm opinion that this Maharashtra government will complete its 5 years term. If they (the alliance of Maha Vikas Aghadi) contest the next elections together they will come to power again: NCP leader Sharad Pawar in Satara yesterday
— ANI (@ANI) November 25, 2021
If the Centre had taken the States into confidence & discussed the three farm laws in the Parliament, then the situation could've been different today...If there were no upcoming elections a decision to repeal the laws may not have been taken: NCP's Sharad Pawar in Satara y'day pic.twitter.com/H0hyXNeFvo
— ANI (@ANI) November 25, 2021
लेकिन इसके साथ साथ महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि कृषि क़ानूनों को रद्द करने का ऐलान किया गया और आज कैबिनेट में भी फैसला हो गया लेकिन किसानों की मांग है कि MSP के लिए क़ानून बनाया जाए। 700 किसानों की मौत हुई उन्हें मुआवज़ा दिया जाए। सिर्फ 3 कानून वापस ले लेने से किसान का समाधान नहीं होगा।
कृषि क़ानूनों को रद्द करने का ऐलान किया गया और आज कैबिनेट में भी फैसला हो गया लेकिन किसानों की मांग है कि MSP के लिए क़ानून बनाया जाए। 700 किसानों की मौत हुई उन्हें मुआवज़ा दिया जाए। सिर्फ 3 कानून वापस ले लेने से किसान का समाधान नहीं होगा: नवाब मलिक, महाराष्ट्र के मंत्री pic.twitter.com/h7sbkILfdi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 24, 2021