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सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी - पुष्कर सिंह धामी

सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी - पुष्कर सिंह धामी
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इंडिया टीवी के शो ‘आप की अदालत’ में कहा कि अगर मस्जिद गलत जगह पर बनी है तो उसे अतिक्रमण ही कहा जाएगा। उन्होंने हल्द्वानी में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के बाद हुई हिंसा पर 'रजत शर्मा' के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि राजस्व भूमि, सिंचाई विभाग और PWD की भूमि पर मजारें बना दी गईं, और वहां खुदाई में कुछ भी अवशेष नहीं निकला।

यूसीसी (UCC) पर क्या बोले सीएम धामी ?

धामी ने कहा कि भाजपा ने 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता (UCC) कानून लाने का वादा किया था। उन्होंने कहा, UCC हमारा संकल्प था। मोदी जी का 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' का संकल्प है। उत्तराखंड देवभूमि है। उत्तराखंड गंगा, यमुना का प्रदेश है। ऋषि मुनियों की भूमि है। संविधान का 'अनुच्छेद 44' (Article - 44) स्पष्ट रूप से सभी के लिए समान नागरिक संहिता (UCC) लाने का प्रावधान करता है। उत्तराखंड की जनता ने इस पर हमें आशीर्वाद दिया। हमने जनता के साथ किए गए वादे को पूरा किया। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता (UCC) सभी को समानता का अधिकार देने के लिये है, किसी को टारगेट करने के लिए नहीं। यह कानून सभी के लिए है। महिलाओं, पुरुषों और बच्चों के सशक्तिकरण एवं प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा के लिए यह कानून लाया गया।

उत्तराखंड की डेमोग्राफी बदलने नहीं देंगे

पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड की डेमोग्राफी यानी जनसांख्यिकीय अनुपात और राज्य का मूलस्वरूप भी बदला गया है। ऐसे में हमने संकल्प लिया है कि उत्तराखंड के मूलस्वरूप को हम प्रभावित नहीं होने देंगे और ना ही उत्तराखंड की डेमोग्राफी को हम बदलने देंगे।

क्या उत्तराखंड में मुसलमानों को डरने की जरूरत है ?

CM पुष्कर सिंह धामी ने आगे कहा कि उत्तराखंड में किसी को भी डर के रहने की जरूरत नहीं है। उत्तराखंड में सभी लोग मिलकर भाईचारे के साथ रहते हैं। अच्छा काम करने वाले, शांतिप्रिय तरीके से जो व्यापार कर रहे हैं, जो राज्य को आगे बढ़ाने में काम कर रहे हैं, जो कानून का पालन करने वाले लोग हैं, उन्हें राज्य में किसी से डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम ये वादा करते हैं कि उत्तराखंड में किसी को डर के रहने की जरूरत नहीं है। लिव इन रिलेशनशिप पर लाए गए कानून के तहत उन्होंने कहा कि यूसीसी (UCC) के तहत जो भी प्रावधान किए गए हैं, वह देश के बेटे व बेटियों की सुरक्षा के लिए हैं। भविष्य में लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद कुछ घटना हो जाती है। कई बार साथ में रहते हुए बच्चे पैदा होते हैं। उन बच्चों का कोई रखवाला नहीं होता। उन्हें संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलता। खासतौर पर इस कानून के तहत हमने बेटियों और पुरुष वर्ग की भी चिंता की है। लिव इन रिलेशनशिप के तहत रहने वाले लोगों के रजिस्ट्रेशन कराने का नियम केवल सुरक्षा के लिहाज से लाया गया है।


ताकि सूटकेस में न मिलें बेटियां

CM पुष्कर सिंह धामी ने कहा, आपने देखा कि गोवा में कैसे लाश के टुकड़े सूटकेस में मिले। लिव-इन के दौरान जन्मे बच्चों की देखभाल नहीं हो पाती, उन्हें संपत्ति में कोई हिस्सा नहीं मिलता। रजिस्ट्रेशन का प्रावधान हमने सुरक्षा के लिए किया है। यह कानून इसलिये हैं कि बेटियां सूटकेस में न मिलें। CM पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारा ध्येय किसी को परेशान करना नहीं, लेकिन कम से कम सुरक्षा तो हो बच्चों की। आज मोहब्बत है, 5-10 साल के बाद मोहब्बत गड़बड़ा जाती है। उसके बाद वे एक दूसरे पर इल्जाम लगाना शुरू कर देते हैं।

लिव-इन जोड़ों के करवाना होगा रजिस्ट्रेशन

समान नागरिक संहिता (UCC) कानून लागू करने वाला उत्तराखंड भारत का पहला राज्य है जिसमें लिव-इन रिलेशनशिप को भी शामिल किया गया है। इसके तहत लिव-इन जोड़ों को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा और इसका रिकॉर्ड पुलिस स्टेशन में रखा जाएगा। इसमें लिव-इन रिलेशनशिप का प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करने पर 6 महीने तक की जेल की सजा का भी प्रावधान है। पुष्कर सिंह धामी ने कहा, सरकार ने अभिभावक बन कर यह कानून बनाया है ताकि उनका भविष्य ठीक रहे। अगर साथ में रहते- रहते उनके बच्चे पैदा हो जाते हैं, तो उन बच्चों के भविष्य की भी चिंता की है। अगर वे रहते हैं तो रहें, लेकिन उनके माता-पिता को सूचना होनी चाहिए। सोचिए कि जब कोई अनहोनी होती है तो उनके माता-पिता पर क्या गुजरती है।

बेवफाई पर नहीं कराना होगा रजिस्ट्रेशन, सूचना देनी होगी

पुष्कर सिंह धामी ने कहाँ कि बेवफाई का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाना होगा। उन्हें केवल सूचना देनी होगी कि हम अब साथ नहीं रहते हैं। यह कानून किसी को टारगेट करने के लिए नहीं बनाया गया है।

हिंदुत्व अगर उत्तराखंड में नहीं होगा, तो और कहां होगा?

क्या उत्तराखंड को हिंदुत्व की प्रयोगशाला बनाया जा रहा है, CM धामी ने जवाब दिया, 'प्रयोगशाला जैसी कोई बात नहीं। उत्तराखंड की जनता ने हमें बहुमत दिया है। हिंदुत्व अगर उत्तराखंड में नहीं होगा, तो और कहां होगा?

हल्द्वानी की हिंसा पर भी बोले

हाल ही में हल्द्वानी में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर कम धामी ने कहा, उत्तराखंड में जो अतिक्रमण किया गया, अवैध कब्जे हुए, सरकारी जमीनों को कब्जाने का काम किया गया, इसे कौन वैध ठहरा सकता है? अतिक्रमण हम लगातार हटा रहे हैं। उत्तराखंड में मजारों को वन भूमि, राजस्व भूमि, सिंचाई विभाग और पीडब्ल्यूडी की भूमि पर बनाया गया। जब मजारों को खोदा गया तो उनमें कोई अवशेष नहीं मिला। इसलिए हमने इसे 'लैंड जिहाद' की संज्ञा दी। धामी ने कहा 'हम अपनी देवभूमि के 'मूल स्वरूप' में कोई परिवर्तन नहीं होने देंगे। मस्जिद अगर गलत जगह पर बनी है तो उसे अतिक्रमण माना जाएगा, और हटाया जाएगा।' उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह भी कहा कि 'हम देवभूमि की डेमोग्राफी को किसी भी कीमत पर बदलने नहीं देंगे, प्रभावित नहीं होने देंगे।



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