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बंगाल हिंसा पर अमित शाह ने ममता सरकार से मांगी रिपोर्ट, चुनावी हिंसा पर BSF का बड़ा खुलासा

बंगाल हिंसा पर अमित शाह ने ममता सरकार से मांगी रिपोर्ट, चुनावी हिंसा पर BSF का बड़ा खुलासा
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पश्चिम बंगाल में शनिवार (8 जुलाई) को पंचायत चुनाव के मतदान के दौरान हुई हिंसा में अब तक 15 लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा की घटनाओं को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य की ममता सरकार से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकान्त मजूमदार से भी बात की और कार्यकर्ताओं के बारे में जानकारी ली। वही BJP ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग की है, इसके लिए गृहमंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा है।

BSF अधिकारी का बड़ा खुलासा

वही दूसरी ओर BSF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बंगाल में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव के दौरान हुए तनाव को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने राज्य चुनाव आयोग पर जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया है। अधिकारी ने कहा कि संवेदनशील मतदान केंद्रों पर बीएसएफ के बार-बार अनुरोध के बावजूद चुनाव आयोग ने ऐसे बूथों पर केंद्रीय सुरक्षा बलों को कोई जानकारी नहीं दी।

बीएसएफ के डीआइजी एसएस गुलेरिया ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल ने संवेदनशील मतदान केंद्रों की जानकारी मांगने के लिए राज्य चुनाव आयोग को कई पत्र लिखे थे, लेकिन सात जून को छोड़कर और किसी दिन कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। गुलेरिया ने कहा कि केवल संवेदनशील बूथों की संख्या के बारे में बताया गया, लेकिन उनके स्थान या किसी अन्य जानकारी के बारे में कुछ नहीं बताया गया।

अधिकारी ने आगे कहा कि स्थानीय प्रशासन के आदेश पर बीएसएफ की तैनाती की गई थी। चुनाव ड्यूटी के लिए 25 राज्यों से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और राज्य सशस्त्र पुलिस की 59,000 टुकड़ियां पहुंची थीं, लेकिन संवेदनशील मतदान केंद्रों पर उनका पर्याप्त उपयोग नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य ने केवल 4,834 संवेदनशील बूथ घोषित किए थे, जिन पर केवल सीएपीएफ तैनात थी, जबकि वास्तव में इससे कहीं अधिक संवेदनशील मतदान केंद्र थे।

बीएसएफ ने बताया कि राज्य चुनाव आयोग ने शनिवार को पश्चिम बंगाल राज्य में 3317 ग्राम पंचायतों, 341 पंचायत समितियों और 20 जिला परिषदों के लिए चुनाव कराने के लिए कुल 61,636 मतदान केंद्र स्थापित किए थे। चुनावों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और अन्य राज्य पुलिस बलों के 59,000 कर्मियों को मतदान केंद्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई, जिसमें 4834 संवेदनशील बूथ भी शामिल हैं, जिन पर केवल सीएपीएफ तैनात थी

हिंसा की NIA जांच होनी चाहिए- सुवेन्दु अधिकारी

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा, "आज लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म हो गया है। हमारी मांग है कि जहां भी CCTV नहीं है और जहां भी चुनाव में धांधली हुई वहां फिर से मतदान कराया जाए। इनके (राज्य चुनाव आयोग) के खिलाफ 302 के तहत FIR दर्ज़ किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा- बंगाल में इतना गोला बारूद आया, अधिकतर मृत्यु गोली से हुई हैं। यह सब कौन भेजा? इसकी फंडिंग किसने की? यह देश विरोधी ताकतें हैं इसलिए इसकी जांच NIA द्वारा की जानी चाहिए।"

ममता सरकार बैलेट पर नहीं बल्कि बुलेट पर भरोसा करती है- निशीथ प्रमाणिक

वही केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक ने हमला बोलते हुए कहा, "चुनाव गणतंत्र का महोत्सव होता है लेकिन बंगाल में इस बार का पंचायत चुनाव गणतंत्र का महोत्सव नहीं बल्कि मृत्यु का उत्सव बन गया है। जब से चुनावों की घोषणा हुई है उस दिन से आज तक सरकार के पास भी मौत के सही आंकड़े नहीं होंगे। बंगाल में सत्ताधारी पार्टी बैलेट पर नहीं बल्कि बुलेट पर भरोसा करती है इसलिए राज्य की यह स्थिति है। बाहरी घुसपैठिए, असामाजिक तत्त्व और तृणमूल के गुंडों को ममता बनर्जी पनाह दे रही हैं। आज बंगाल की स्थिति क्या हो गई है। यह पूरी तरह से लोकतंत्र की हत्या और एक (राज्य) चुनाव आयोग का किसी एक पार्टी के लिए काम करना लोकतंत्र के सख्त ख़िलाफ़ है। बंगाल में चुनाव घोषणा से लेकर नतीजे की घोषणा तक जितनी भी मृत्यु होंगी उन सभी मृत्यु की ज़िम्मेदारी चुनाव आयोग और वहां की सरकार की होगी। (राज्य) चुनाव आयोग ने जल्दबाजी में एक ही फेज और बिना केंद्रीय बल की तैनाती के चुनाव कराने का निर्णय लिया था। हम इसके ख़िलाफ़ कोर्ट गए और कोर्ट ने भी इसको माना। लेकिन ज़मीनी हकीकत अलग है। केंद्रीय बल को सिर्फ पेट्रोलिंग ड्यूटी के लिए रखा गया और किसी भी बूथ पर केंद्रीय बल के जवानों को तैनात नहीं किया गया।"

यह उत्सव नहीं बल्कि उत्शव है- अग्निमित्रा पॉल

साथ ही BJP नेता अग्निमित्रा पॉल ने पंचायत चुनाव दोबारा कराने की मांग उठाते हुए कहा, "जगह-जगह बूथ पर CCTV कैमरा नहीं थे, राज्य की पुलिस भी मौजूद नहीं थी। आज 18 लोगों की हत्या हुई हैं। इनकी किसी बिमारी से मौत नहीं हुई है बल्कि पंचायत चनाव में उनको मार दिया गया। ममता बनर्जी सरकार में मंत्री शशि पांजा कह रहे हैं कि उत्सव के माहौल में मतदान हुए हैं। यह उत्सव नहीं बल्कि उत्शव है।"

बता दें, शनिवार यानी आठ जुलाई को बंगाल में पंचायत चुनाव हुए। इस दौरान पूरे राज्य में हिंसा हुई। इसमें 13 लोग मारे गए और कई घायल हो गए। मुर्शिदाबाद, कूच बिहार, मालदा, दक्षिण 24 परगना, उत्तरी दिनाजपुर और नादिया जैसे कई जिलों से बूथ कैप्चरिंग, मतपेटियों को नुकसान पहुंचाने और पीठासीन अधिकारियों पर हमले की खबरें आईं।

Rani Gupta

Rani Gupta

News Reporter


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