जम्मू-कश्मीर में अतिक्रमण पर वार, चला प्रशासन का बुलडोजर, स्थानीय लोगों ने किया पथराव
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बड़े स्तर पर सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है, जिसके तहत शनिवार को जम्मू के अलग-अलग हिस्सों में दो पूर्व मंत्रियों सहित अन्य लोगों से राज्य की 65 हेक्टेयर से अधिक जमीन अतिक्रमण मुक्त कराकर वापस कब्जे में ली गई. अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि रामबन, कठुआ और किश्तवाड़ जिलों में दिन भर चले अभियान के दौरान कई अवैध निर्माण भी ध्वस्त किए गए.
जम्मू-कश्मीर: जम्मू में स्थानीय प्रशासन ने बठिंडी क्षेत्र के पास अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया। स्थानीय लोगों ने विरोध प्रर्दशन किया। pic.twitter.com/iF7CiMa4HU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 4, 2023
उन्होंने बताया कि किश्तवाड़ जिले में राज्य की लगभग 67.09 कनाल (3.3 हेक्टेयर) भूमि कब्जे में ले ली गई है, जिसे सरथल के करूल में एक पूर्व मंत्री और उनके परिवार से मुक्त कराया गया था, जबकि राज्य की 5.06 कनाल भूमि को एक अन्य पूर्व मंत्री के कब्जे से लच्छजाना में खाली कराया गया है. इस जमीन का जल्द ही विभिन्न महत्वपूर्ण सरकारी परियोजनाओं के लिए उपयोग किया जाएगा और विभिन्न विभागों द्वारा भूमि आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक भूमि बैंक बनाया जाएगा.
इस दौरान अतिक्रमण हटाओ अभियान का विरोध भी देखने को मिला। कुछ स्थानीय लोगों ने जेसीबी मशीन और अधिकारियों पर पथराव शुरू कर दिया। भारी पथराव के चलते कुछ समय के लिए अभियान को रोक दिया गया। जिसके बाद मौके पर मौजूद पुलिस ने स्थानीय लोगों को घटनास्थल से जाने के लिए कहा गया।
अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने रामबन, पोगल परिस्तान (खराल), रामसू, राजगढ़, बनिहाल और बटोटे की विभिन्न तहसीलों में 708 कनाल (35.4 हेक्टेयर) से अधिक जमीन पर फिर से कब्जे ले लिया है, कठुआ जिले की डिंगा अंब, महानपुर, मरहीन और बसोहली तहसीलों में 546 कनाल (27 3 हेक्टेयर) राज्य और रोशनी भूमि का एक और हिस्सा अवैध कब्जाधारियों से वापस लिया गया है.उन्होंने कहा कि बिलावर में बेदखली अभियान के दौरान एक प्रमुख राजनेता के पास से पाँच मरले की व्यावसायिक श्रेणी की •प्रमुख भूमि का एक टुकड़ा भी खाली कराकर कब्जे में लिया गया है.
Rani Gupta
News Reporter