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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को लगा बड़ा झटका, बलूच विद्रोहियों ने जिन्‍ना की मूर्ति को बम से उड़ाया

मूर्ति को बम से उड़ाने के बाद बलूच फ्रंट ने ली हमले की जिम्मेदारी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को लगा बड़ा झटका, बलूच विद्रोहियों ने जिन्‍ना की मूर्ति को बम से उड़ाया
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जी हां एक बार फिर से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा झटका लगा है क्योकि बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्‍मद अली जिन्‍ना की मूर्ति को बम से उड़ाया, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बलोच रिपब्लिकन आर्मी के प्रवक्ता बबगर बलोच ने ट्विटर पर विस्फोट की जिम्मेदारी ली और हमले की जिम्मेदारी लेते हुए, मोहम्मद अली जिन्ना को 'हीरो' के रूप में दिखाने के लिए पाकिस्तान पर निशाना भी साधा है।


इस बीच, बलूचिस्तान रिपब्लिकन आर्मी के बयान में बलूच जमीन पर कब्जा करने और अतिक्रमण करने के लिए मोहम्मद अली जिन्ना की आलोचना की गई है। इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि जिन्ना 'चालाक राजनीति' में शामिल ब्रिटिश साम्राज्यवाद के एजेंट थे। बयान में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान की सेना ने बलूचिस्तान पर आक्रमण किया है।

बयान में कहा गया है, "जिस तरह से मोहम्मद अली जिन्ना ने 27 मार्च 1948 को पाकिस्तानी सेना पर कब्जा करके धोखे से बलूच भूमि पर कब्जा किया और उसका अतिक्रमण किया, इसलिए बलूच देश जिन्ना के जीवन को उनकी चालाक राजनीति के कारण घृणा और तिरस्कार की नजर से देखता है।

बलूच प्रवक्ता ने कहा- "मोहम्मद अली जिन्ना को स्वतंत्र बलूच राज्य की भौगोलिक स्थिति के लिए ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ मुकदमा लड़ने के लिए खान बलूच द्वारा अपने वकील के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन इस धोखेबाज व्यक्ति ने पाकिस्तान की सेना के साथ बलूच मातृभूमि पर आक्रमण करके बलूचिस्तान की आजादी को खत्म कर दिया।" उन्होंने कहा कि 'जिन्ना ने बलूचिस्तान को अप्राकृतिक नवजात पाकिस्तान में शामिल कर लिया और तब से, उन्हें बलूचिस्तान में एक धोखेबाज और चालाक शासक के रूप में याद किया जाता है

वहीं इसके अलावा बलूच सेना ने CPEC को लेकर पाकिस्तान पर भी निशाना साधा और कहा कि पाकिस्तान जिन्ना को बलूच की पीढ़ियों के सामने एक हीरो के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहा है'। उन्होंने पाकिस्तान के 'प्रोपेगेंडा' को खारिज करते हुए कहा कि बच्चे 'जिन्ना की वास्तविकता' से अच्छी तरह वाकिफ हैं। वह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजना को लेकर भी पाकिस्तान पर जमकर बरसे जिसका ग्वादर पोर्ट एक हिस्सा है। इस बीच, बलूच रिपब्लिकन आर्मी ने बलूचिस्तान की आजादी तक पाकिस्तान का विरोध करने की कसम खाई है।

वहीं सर्वदलीय बैठक में भी पीएम मोदी ने गिलगित बालटिस्तान और बलूचिस्तान का जिक्र किया था और कहा था गिलगित बालटिस्तान और बलूचिस्तान में पाकिस्तान जो हिंसा बरपा रहा है, आम नागरिकों का दमन कर रहा है उसके बारे में भी बात होनी चाहिए. जिसके बाद स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी मोदी ने इसका जिक्र किया था और कहा था कि बलूचिस्तान के लोग उन्हें अपना मुद्दा उठाने के लिए धन्यवाद कह रहे हैं. हालकि इसके बाद पाकिस्तान की बौखलाहट भी आई थी और इसे कश्मीर मुद्दे को भटकाने का एक जरिए बताया था ।

साल 2013 में जिन्ना की इमारत को भी उड़ा दिया था

इससे पहले साल 2013 में, बलूच विद्रोहियों ने जियारत में जिन्ना की 121 साल पुरानी इमारत को विस्फोट कर उड़ा दिया। विस्फोट के कारण इस इमारत में भीषण आग लग गई थी, जो कि लगभग चार घंटे तक धधकती रही। बता दें कि तपेदिक से पीड़ित होने के कारण जिन्ना ने अपने जीवन के अंतिम दिन वहीं बिताए। बाद में इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया था।

Lata KC

Lata KC

News Anchor & reporter


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