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J&K में चुनाव से पहले BJP ने चला बड़ा दांव - गुलाम अली खटाना राज्यसभा के लिए मनोनीत, भड़के फारूक अब्दुल्ला

J&K में चुनाव से पहले BJP ने चला बड़ा दांव - गुलाम अली खटाना राज्यसभा के लिए मनोनीत, भड़के फारूक अब्दुल्ला
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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले BJP ने बड़ा दांव चल दिया है। बीजेपी ने गुलाम अली खटाना को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। गुर्जर मुस्लिम समुदाय के गुलाम अली को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया। यह संभवत: पहली बार है, जब क्षेत्र के गुर्जर मुस्लिम समुदाय के किसी व्यक्ति को मनोनीत सदस्य के रूप में उच्च सदन में भेजा गया है। गुलाम अली एसटी वर्ग से आते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया, 'भारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (एक) के उप-खंड (ए) से मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए, जो उसी अनुच्छेद के खंड (3) में शामिल है, राष्ट्रपति एक मनोनित सदस्य के रिटायर होने से जो जगह खाली हुई थी उसी को को भरने के लिए गुलाम अली को राज्यसभा के लिए नामित करती है।' बीजेपी के बड़े नेताओं ने गुलाम अली खटाना को राज्यसभा के लिए मनोनीत होने के लिए बधाई दी। केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण विभाग का जिम्मा संभाल रहे जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में नए सदस्य के रूप में अली के नामांकन पर बधाई दी है। जितेंद्र सिंह ने इस संबंध में एक ट्वीट में कहा, ''गुलाम अली खटाना जी, राज्यसभा की सदस्यता पाने के योग्य थे, लंबे समय बाद ऐसा हो पाया... आपके लिए राष्ट्र निर्माण में अपनी सर्वोत्कृष्ट भूमिका निभाने का अवसर।

दरअसल गुलाम अली खटाना के नामांकन को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योकि आर्टिकल - 370 को निरस्त किए जाने से पहले इस समुदाय का विधायी निकायों में बहुत कम प्रतिनिधित्व था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में अनुच्छेद-370 को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था। अनुच्छेद-370 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया था।

वहीं दूसरी ओर नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला के जम्मू स्थित घर पर शनिवार को सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वे नहीं चाहते कि केंद्र शासित प्रदेश में बाहरी लोगों को मतदान का अधिकार मिले। साथ उन्होने कहा कि अलग-अलग पार्टियों के लोग एकजुट होकर अलग-अलग मुद्दे लेकर आए हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि हर दिन नए कानून आने से उनके अधिकारों पर हमला हो रहा है. हम बाहर से आने वाली पार्टियों को स्वीकार नहीं करते।

Shipra Saini

Shipra Saini

News Anchor


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