BMC चुनाव से पहले NCP को बड़ा झटका, विजय वरपुडकर बीजेपी में हुए शामिल,कांग्रेस में पड़ी फूट
महाराष्ट्र में मुंबई निकाय चुनावों से पहले बीजेपी से लेकर शिवसेना एनसीपी कांग्रेस तक तमाम पार्टियां खुद को मजबूत करने के लिए ऐडी चोटी का जोर लगा रही है। लेकिन बीएमसी चुनावो से कुछ महीने पहले ही बीजेपी ने एनसीपी शरद पवार को बड़ा झटका दिया है। एनसीपी के पूर्व परभणी जिला प्रमुख विजय वरपुडकर बीजेपी में शामिल हो गए है। महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने उन्हे पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई।
परभणी जिल्ह्यातील राष्ट्रवादी काँगेसचे नेते विजय वरपूडकर यांचे आज भाजपात स्वागत केले. परभणी जिल्ह्यात भाजप वाढवण्यासाठी प्रयत्न करण्याचा मनोदय त्यांनी या वेळी व्यक्त केला. विजय वरपूडकर आणि सहकाऱ्यांचे अभिनंदन, स्वागत. pic.twitter.com/aYkryr5QQW
— Chandrakant Patil (@ChDadaPatil) October 12, 2021
बता दें कि महाराष्ट्र में मुंबई निकाय चुनावों से पहले राजनीतिक बयानबाजी के चलते सियासत गरमाई हुई है। लेकिन इस मौके पर चंद्रकांत पाटिल ने यह ऐलान कर दिया है कि बीजेपी महाराष्ट्र में आगामी सभी चुनाव अकेले लड़ेगी। चंद्रकांत पाटिल का यह बयान मुंबई निकाय चुनावों से कुछ महीने पहले आया है, जो फरवरी 2022 में होने की संभावना है। वही एनसीपी नेता विजय वरपुडकर जो कि परभणी जिला प्रमुख रह चुके है। परभणी जिले पर बात करते हुए चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि पार्टी ने अतीत में गठबंधन के कारण परभणी जिले का नियंत्रण शिवसेना को सौंप दिया था। इस दौरान चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं को पता होना चाहिए कि पार्टी बिना किसी गठबंधन के अपने दम पर सत्ता में आएगी।उन्होंने कहा, 'हमने परभणी जिले के अधिकांश हिस्से का नियंत्रण शिवसेना को सौंप दिया, क्योंकि अतीत में हमारा इससे गठबंधन था। लेकिन वरपुडकर और उनके समर्थकों के अब बीजेपी के साथ जुड़ने से पार्टी को और मजबूती मिली है। जिले में आगामी चुनाव में पार्टी जीतेगी।'
फिलहाल महाविकास अघाडी सरकार में फूट देखने को मिल रही है एक तरफ शिवसेना -एनसीपी - कांग्रेस आपस में ही जंग लड़ रही है। महाराष्ट्र कांग्रेस में भी कलह शुरू हो गया है। दरअसल पार्टी ने नेता कैलाश कदम को पिंपरी-चिंचवाड यूनिट का अध्यक्ष बनाया है। लेकिन कैलाश कदम को यह अहम जिम्मेदारी सौंपना पार्टी के कुछ नेताओं को रास नहीं आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के कुछ नेता कैलाश कदम को इस जिम्मेदारी से नवाजे जाने का विरोध कर रहे हैं। विरोध करने वाले नेताओं का मानना है कि कैलाश कदम की छवि दागी नेता की है और उनके क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले इस छवि की वजह से संगठन की छवि को नुकसान पहुंचेगा। इस बारे में पार्टी नेताओें ने शीर्ष नेतृत्व को भी अवगत कराया है। बता दें कि पुणे में कैलाश कदम के खिलाफ कई आपराधिक केस अभी पेंडिंग हैं।
कैलाश कदम पर हत्या, हत्या की कोशिश और रंगदारी मांगने के मामले में पहले केस दर्ज हो चुका है। एक बार तो कुछ समय के लिए उन्हें पिंपरी-चिंचवाड से बाहर तक कर दिया गया था। कैलाश कदम का चयन राहुल गांधी की टीम ने किया है। यह टीम इस इलाके में एक आक्रमक और उग्र चेहरे की तलाश कर रही थी जो विरोधियों को करारा जवाब दे सके। टीम की यह तलाश कैलाश कदम पर जाकर खत्म हुई थी।
Shipra Saini
News Anchor