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बॉम्बे HC ने CM उद्धव ठाकरे और संजय राउत को सुनाई खरी-खरी कहा - जब तक हमारी अंतरात्मा साफ तब तक लोग कुछ भी कहें।

बॉम्बे HC ने CM उद्धव ठाकरे और संजय राउत को सुनाई खरी-खरी कहा - जब तक हमारी अंतरात्मा साफ तब तक लोग कुछ भी कहें।
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और शिवसेना सासंद संजय राउत को इशारो - इशारो में कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है जब तक अदालत में आलोचना सहने की क्षमता है और उसकी अंतरात्मा साफ है, तब तक लोग जो चाहें कह सकते हैं।

दरअसल एक वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जुडिशरी के खिलाफ टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, शिवसेना सांसद संजय राउत और अन्य के विरुद्ध अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका दायर की। इंडियन बार एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि प्रतिवादियों ने हाई कोर्ट के जजों और पूरी न्यायिक प्रणाली के खिलाफ कई 'झूठे, निंदनीय और अवमाननापूर्ण' आरोप लगाए हैं।

इस याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट के जीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस वी. जी. बिष्ट की खंडपीठ ने संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस दत्ता ने कहा, 'उन्हें जुडिशरी के बारे में जो कुछ भी कहना है, कहने दें। इस तरह की टिप्पणियों को सहन करने की हमारी क्षमता काफी अधिक है। जब तक हमारी अंतरात्मा साफ है, उन्हें कुछ भी कहने दें।' बेंच ने शुरू में कहा कि वह गर्मी की छुट्टियों के बाद याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेगी। लेकिन, याचिकाकर्ता के वकील ने तत्काल सुनवाई की अपील की। कोर्ट ने तब वकील से तत्काल सुनवाई के लिए प्रस्तुत आवेदन सौंपने के लिए कहा। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि इस पर विचार किया जाएगा कि याचिका को सुनवाई के लिये कब सूचीबद्ध किया जाए।

बता दें कि जनहित याचिका में ऐसे अलग अलग उदाहरणों की लिस्ट बनाई गई है। जिसमें जुडिशरी के खिलाफ टिप्पणी की गई है। इस याचिका में हाई कोर्ट द्वारा बीजेपी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया को धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिये जाने के बारे में की गई संजय राउत की टिप्पणीयों को शामिल किया गया है। याचिका के मुताबिक, आदेश के बाद संजय राउत ने इंटरव्यू में कहा कि कोर्ट और विशेष रूप से बॉम्बे हाई कोर्ट के जज बीजेपी के लोगों को राहत दे रहे हैं जबकि उनकी पार्टियों के मंत्रियों को राहत नहीं दी जा रही।

इस याचिका में 'ऐसा कोर्ट की गरिमा को कम करने व जुडिशरी में आम आदमी के विश्वास को कम करने के लिए किया गया है, लिहाजा यह अदालत की सबसे बड़ी अवमानना है।' जनहित याचिका में शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' की संपादक और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे के साथ-साथ सामना को छापने वाले और उसका प्रकाशन करने वाले विवेक कदम के खिलाफ भी अवमानना कार्रवाई की मांग की गई है।

Shipra Saini

Shipra Saini

News Anchor


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