BSF की बढ़ती ताकत देख डरे NCP प्रमुख शरद पवार, गृह मंत्री अमित शाह से करेगे मुलाकात

महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार के मामलो से लेकर ड्रग्स रैकेट में केन्द्रीय जांच एजेंसियो का शिकंजा एनसीपी पर कसता जा रहा है। और यही वजह है कि एनसीपी प्रमुख डरे हुए है। डर कितना ज्यादा है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने देश के तीन सीमावर्ती राज्य पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार किया। जिसमें महाराष्ट्र का नाम दूर -दूर तक नही है। 15 किलोमीटर के दायरे को बढाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाते हुए अब गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती का अधिकार दे दिया है।
लेकिन एनसीपी प्रमुख कितने डरे हुए है हाल ही में शरद पवार ने इस दौरान BSF के संचालन क्षेत्राधिकार के विस्तार वाले मामले पर भी टिप्पणी की और कहा कि वो इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात करेंगे। BSF के क्षेत्राधिकार को बढ़ाए जाने को लेकर कई विपक्षी दल पहले ही केंद्र सरकार पर हमला बोल चुके हैं।अब इन नेताओं कि लिस्ट में पवार का नाम भी जुड़ गया है। लेकिन शरद पवार बीएसएफ का दायरा बढने से क्यो बौखलाए हुए है इस पर बीजेपी ने सवाल उठाए है।
The Center has expanded BSF jurisdiction in the border States - Punjab, West Bengal & Assam.
— Priti Gandhi - प्रीति गांधी (@MrsGandhi) October 17, 2021
Why is Sharad Pawar, sitting in Maharashtra, getting upset about it?! https://t.co/PaDIRIKwjQ
बता दे कि हाल ही में केंद्र सरकार ने BSF को अधिकार दिया है कि वो अब असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर भीतर तक रेड और गिरफ्तारी कर सकती है। विपक्षी दलों ने केंद्र के इस कदम की आलोचना की है और कहा है कि ये राज्य सरकारों के क्षेत्राधिकार में घुसने की कोशिश है।
पुणे में शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान शरद पवार ने कहा, CBI, ED, IT और NCB जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का केंद्र सरकार गलत इस्तेमाल कर रही है। पवार ने आगे कहा, 'केंद्र सरकार गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। इतना ही नही किसान आंदोलन के बीच सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के एक दलित युवक की हत्या हो गई है। उस पर अफसोस जाहिर करने के बजाए। उस युवक के हत्यारो को शरद पवार किसान बताते हुए आज भी उनकी पैरवी करने कर रहे है। सवाल यह है कि जो कसाई की तरह लोगो को काट रहे है वो किसान कैसे हो सकते है।
किसान आंदोलन को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि किसानों को बेचैन करने के दुष्परिणाम हो सकते हैं. शरद पवार ने कहा,'' पंजाब के किसान को बेचैन नही होने देना चाहिए. पंजाब सिंह जैसा राज्य है. ऐसे सिंह जैसे राज्य के बहुसंख्यक किसानों को बेचैन नही होने देना चाहिए, नहीं तो इसके दुष्परिणाम हो सकते हैं. देश ने इंदिरा गांधी की हत्या के रूप में इसकी कीमत चुकाई है.'' शरद पवार का यह बयान इन प्रर्दशनकारियो को भड़काने के अलावा और कुछ नजर नही आ रहा है।
"Do not upset Punjab kisan,
— Ashish Jaggi (@AshishJaggi_1) October 16, 2021
Indira Gandhi too lost her life"~says NCP Chief Sharad Pawar
Are you listening @HMO ?
Is this not a threat for our Hon PM @narendramodi ji ?
Is he not trying to instigate the Sikh community by reminding them of 1984 ?pic.twitter.com/WJWyPMmLF6