NGOs की विदेशी फंडिंग पर केंद्र सरकार की पैनी नज़र, अब देनी होगी संपत्ति की जानकारी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को 'विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम' (Foreign Contribution Regulations Act) के तहत रजिस्टर्ड गैर-सरकारी संगठनों (NGO) के जरिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने संबंधी नियमों में बदलाव किया. नए नियमों के मुताबिक, अब FCRA के तहत रजिस्टर्ड NGO को विदेशी धन का इस्तेमाल कर बनाई गई चल व अचल संपत्तियों का विवरण देना होगा. गृह मंत्रालय ने सोमवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी.
विदेशों से चंदा पाने वाले NGOs के लिए सख्त हुए नियम।
— Panchjanya (@epanchjanya) September 26, 2023
अब देनी होगी चल-अचल संपत्ति की जानकारी।
विदेशों के फंड पाने वाले NGO को वित्त वर्ष के अंत में विदेशी पैसे से खरीदी गई अपनी चल और अचल संपत्तियों के बारे में जानकारी देनी होगी।
इसके लिए विदेशों से चंदा पाने वाले NGO के द्वारा… pic.twitter.com/ZzdVMcf4mi
गृह मंत्रालय ने नियमों में किया बदलाव
नोटिफिकेशन जारी होने के बाद प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत (31 मार्च) तक एनजीओ के लिए संपत्ति की घोषणा करना अनिवार्य हो गया है. कानून के मुताबिक, विदेशी धन प्राप्त करने वाले सभी एनजीओ को अब एफसीआरए के तहत रजिस्टर्ड होना होगा. गृह मंत्रालय ने विदेशी अंशदान विनियमन नियम, 2010 के फॉर्म एफसी-4 में दो खंड जोड़कर बदलाव किए हैं.
Rani Gupta
News Reporter