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सीएम शिंदे ने चुनाव चिह्न पर EC के फैसले को लोकतंत्र की जीत बताया, संजय राउत ने आरोप लगाते हुए कहा- ये लोकतंत्र की हत्या है

सीएम शिंदे ने चुनाव चिह्न पर EC के फैसले को लोकतंत्र की जीत बताया, संजय राउत ने आरोप लगाते हुए कहा- ये लोकतंत्र की हत्या है
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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले शिवसेना गुट को शुक्रवार को झटका लगा। चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न ‘धनुष-बाण’ एकनाथ शिंदे गुट को देने का आदेश जारी किया। आयोग ने अपने फैसले में जहां शिंदे की अगुवाई वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी, वहीं उद्धव ठाकरे गुट को राज्य में विधानसभा उपचुनावों के पूरा होने तक ‘मशाल’ चुनाव चिह्न रखने की इजाजत दी। शिंदे ने जहां फैसले का स्वागत किया है, उद्धव ठाकरे और संजय राउत ने इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देने की बात कही।

महाराष्ट्र में बाला साहेब ठाकरे के विचारों की सरकार बनी हुई है- एकनाथ शिंदे

बता दे, शिवसेना के चिह्न पर चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हुए महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि सच की जीत हुई और इसे लोकतंत्र की जीत बताया। उद्धव ठाकरे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शिंदे ने कहा कि जब भी कोई फैसला उनके खिलाफ जाता है तो विरोधी गुट के लिए 'लोकतंत्र की हत्या' और 'लोकतंत्र खतरे में है' के नारे लगाना आदर्श बन गया था।

एकनाथ शिंदे ने कहा, 'यह कुछ और नहीं बल्कि उनका डबल स्टैंडर्ड है और चुनाव आयोग के फैसले ने उन्हें उनकी जगह दिखा दी। उन्होंने 2019 से धनुष-बाण का चिह्न कांग्रेस-एनसीपी के पास गिरवी रखा हुआ था और आज मैंने उसे छुड़ा लिया है। चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट स्वतंत्र संस्थाएं हैं, आप इस तरह के आरोप नहीं लगा सकते। अगर फैसला उनके पक्ष में आया होता तो वे कहते कि लोकतंत्र जिंदा है।'

बता दे, शिंदे ने कहा कि ठाकरे गुट शिवसैनिकों को बनाए रखने के लिए सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे और पार्टी के दिवगंत दिग्गज आनंद दिघे की सोच और उनकी विचारधारा की जीत हुई है। शिंदे ने ठाकरे गुट पर निशाना साधते हुए कहा, 'वे कहते हैं कि हम चोर हैं... तो क्या 50 विधायक, 13 सांसद और लाखों कार्यकर्ता चोर हैं? तो जिन्होंने छोड़ा वो चोर और सिर्फ आप ही सही हैं?'

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने निर्वाचन आयोग के उनके धड़े को वास्तविक शिवसेना के रूप में मान्यता दिए जाने के फैसले को बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा की जीत बताया। उन्होंने आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘मैं निर्वाचन आयोग को धन्यवाद देता हूं। लोकतंत्र में बहुमत का महत्व होता है।’ शिंदे ने कहा, ‘यह बालासाहेब की विरासत की जीत है। हमारी शिवसेना वास्तविक है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने बालासाहेब के विचारों को ध्यान में रखते हुए पिछले साल महाराष्ट्र में (भारतीय जनता पार्टी के साथ) सरकार बनाई।’

संजय राउत ने इस फैसले को लोकतंत्र की हत्या बताया है

बता दे, वहीं उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने आयोग के फैसले पर कहा कि हमें इस तरह के फैसले की उम्मीद थी, चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं। संजय राउत ने कहा हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है। जनता हमारे साथ है। हम एक नए प्रतीक के साथ जाएंगे और इस शिवसेना को एक बार फिर जनता की अदालत में उठाएंगे।

Rani Gupta

Rani Gupta

News Reporter


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