कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पटियाला कोर्ट में किया सरेंडर,रोड रेज केस में सिद्धू काटेंगे एक साल की कैद
साल 1988 के रोड रेज मामले में पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट की ओर से 1 साल की सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। नवजोत सिंह सिद्धू ने पटियाला की एक कोर्ट में सरेंडर कर दिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने सरेंडर करने के बाद सिद्धू को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया है। सिद्धू कपड़ों से भरा बैग लेकर कोर्ट पहुंचे थे। कोर्ट जाते वक्त सिद्धू ने किसी से बात नहीं की।
1988 road rage case | Punjab: Congress leader Navjot Singh Sidhu leaves for Sessions Court, from his residence in Patiala. pic.twitter.com/u9B0g87n5C
— ANI (@ANI) May 20, 2022
हालाकि सरेंडर करने के लिए सिद्धू ने कुछ हफ्ते का समय मांगा था। उन्होंने खराब सेहत का हवाला दिया है। सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली और इस वजह से उनको पटियाला कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा। वहीं तमाम मीडिया रिर्पोट के मुताबिक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नवजोत सिंह सिद्धू को फोन किया है और उनसे कहा है कि कांग्रेस आपके साथ है। आप मजबूत रहिए। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
#WATCH कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू मेडिकल जांच के लिए पटियाला के माता कौशल्या अस्पताल पहुंचे।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 20, 2022
सुप्रीम कोर्ट ने तीन दशक पुराने रोड रेज मामले में कल उन्हें एक साल के कठोर कारावास की सज़ा सुनाई थी। pic.twitter.com/KemrpUWk2n
बता दें कि इससे पहले गुरुवार को नवजोत सिंह सिद्धू ने संकेत दिए थे कि वे खुद को कानून के हवाले करेंगे और पटियाला कोर्ट में सरेंडर करेंगे। सिद्धू हाल ही हुए विधानसभा चुनाव में हार गए थे। अब उन पर ये कोर्ट का फैसला आया है, इससे उनकी मुश्किलें हाल के समय में कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
जानें पूरा मामला
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ रोडरेज का यह मामला साल 1988 का है। सिद्धू का पटियाला में पार्किंग को लेकर 65 साल के गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग व्यक्ति से झगड़ा हो गया। आरोप है कि उनके बीच हाथापाई भी हुई। जिसमें सिद्धू ने कथित तौर पर गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया था और बाद में उनकी मौत हो गई। नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सेशन कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को सबूतों का अभाव बताते हुए 1999 में बरी कर दिया था। इसके बाद पीड़ित पक्ष सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गया। साल 2006 में हाईकोर्ट ने इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को तीन साल कैद की सजा और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।
Shipra Saini
News Anchor