संजय राउत को मानहानि केस में कोर्ट ने किया तलब, कहा - राउत के बयान से किरीट सौमेया और उनकी पत्नी की प्रतिष्ठा को पहुंची ठेस
शिवसेना सांसद संजय राउत को मानहानि केस में मझगांव कोर्ट ने समन जारी कर दिया है। मजिस्ट्रेट ने को चार जुलाई तक अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने माना है कि संजय राउत ने बीजेपी नेता किरीट सौमेया और उनकी पत्नी मेधा सौमेया को लेकर जो बयान दिये है वो अपमानजनक है।
#BREAKING | Mumbai court summons Shiv Sena MP Sanjay Raut to appear before it on July 4 in defamation case filed by Medha Somaiya, wife of BJP leader Kirit Somaiya
— Republic (@republic) June 11, 2022
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मजिस्ट्रेट ने कहा, " इन दस्तावेजों और वीडियो क्लिप को रिकॉर्ड पर प्रस्तुत किया गया है, प्रथम दृष्टया पता चलता है कि आरोपी ने शिकायतकर्ता के खिलाफ 15/04/2022 और 16/04/2022 को अपमानजनक बयान दिया है, ताकि इसे बड़े पैमाने पर जनता देख सके और इसे अखबारों में जनता द्वारा पढ़ा जा सके।" साथ ही उन्होंने कहा कि मानहानि की सामग्री देखते हुए प्रथम दृष्टया इस्तेमाल किए गए शब्दों से सोमैया की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचती है।
Court say Sanjay Raut PRIMA FACIE made defamatory statements against Medha Kirit Somaiya, asked to attend Court on 4 July
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) June 11, 2022
'संजय राऊत यांची वक्तव्ये सकृतदर्शनी मानहानीकारक', मेधा किरीट सोमय्या विरोधात मानहानीकारक विधाने केली न्यायालयाचे निरीक्षण
४ जुलैला हजर राहण्याचे निर्देश pic.twitter.com/jaEXMk9QX7
दरअसल बीजेपी नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा सोमैया ने अपने अधिवक्ता विवेकानंद गुप्ता के जरिये एक शिकायत दायर की थी जिसमें मेधा सोमैया ने दावा किया कि राउत ने उनके और उनके पति के खिलाफ निराधार और पूरी तरह से मानहानि के आरोप लगाए हैं। बता दें कि शिवसेना सांसद संजय राउत ने मेधा सोमैया पर मीरा-भयंदर नगर निगम के तहत कुछ सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण और रखरखाव में 100 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था।
अधिवक्ता विवेकानंद गुप्ता ने कहा, 'आरोपियों द्वारा मीडिया में दिए गए बयान मानहानिकारक हैं। ये बयान आम जनता की नजरों में छवि खराब करने के लिए दिए गए हैं। मेधा सोमैया ने अदालत से अनुरोध किया था संजय राउत को नोटिस जारी कर उनके खिलाफ मानहानि के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत कार्यवाही शुरू की जाए। बता दें कि आईपीसी की धारा 499 मानहानि से संबंध रखती है, जबकि धारा 500 अपराध के लिए सजा का प्रावधान करती है। ये साधारण कारावास हो सकता है जिसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है। ऐसे में जुर्माना या दोनों हो सकता है।
Shipra Saini
News Anchor