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सीएम केजरीवाल के अध्यक्ष रहते दिल्ली जल बोर्ड में हुआ करोड़ों का घोटाला, दिल्ली LG ने दिए FIR के आदेश

सीएम केजरीवाल के अध्यक्ष रहते दिल्ली जल बोर्ड में हुआ करोड़ों का घोटाला, दिल्ली LG ने दिए FIR के आदेश
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दिल्ली में आम आदमी पार्टी की अरविंद केजरीवाल सरकार का एक और घोटाला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल के अध्यक्ष रहते दिल्ली जल बोर्ड (DJB) में 20 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इसमें कुछ बैंककर्मी भी शामिल हैं। मामला सामने आने के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश भी दिए गए हैं। एलजी ने मुख्य सचिव से 15 दिन में कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह घोटाला 2012 से शुरू हुआ था। तब अरविंद केजरीवाल सरकार ने फैसला लिया था कि दिल्ली जल बोर्ड के तहत जमा होने वाले बिलों की राशि निजी बैंक में जमा की जाएगी। कहा जा रहा है कि इसी दौरान बैंक अधिकारियों की सांठगांठ से घोटाले को अंजाम दिया गया। वही इस घोटाले को लेकर केजरीवाल सरकार पर सवाल भी उठाये जा रहे है।

वही BJP नेता प्रवेश साहिब सिंह ने लिखा, "DTC बस घोटाला,क्लास रूम घोटाला,शराब घोटाला,वक्क बोर्ड घोटाला और अब जलबोर्ड में एक और नया घोटाला और कितना पैसा हड़पोगे केजरीवाल! LG जी द्वारा मुख्य सचिव दिल्ली को DJB के अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ ₹20 करोड़ के कथित गबन के लिए FIR दर्ज करने का आदेश दिया हैं।"

साथ ही BJP प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने ट्वीट कर कहा, "20 करोड़ का घोटाला अकेले अफसर नही कर सकते अवश्य अरविन्द केजरीवाल सरकार का संरक्षण रहा होगा - पुलिस जांच से ही सच सामने आयेगा। BJP तो लम्बे समय से कहती है की दिल्ली जल बोर्ड घोटालों की लाबोटरी है।"

वही पत्रकार अतुल कृष्णनन लिखते है, "मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के DJB के चेयरमैन रहते समय हुआ था घोटाले का खुलासा लेकिन बावजूद इसके आरोपियों पर कोई कारवाई ना कर टेंडर को फिर से आरोपी कंपनी को दे दिया गया।"

बता दे, उपराज्यपाल कार्यालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कई सालों तक उपभोक्ताओं से मिली पानी के बिल की राशि दिल्ली जल बोर्ड के बैंक खातों में जाने की बजाय एक प्राइवेट बैंक के खातों में जाती रही। दिल्ली जल बोर्ड ने साल 2012 में तीन साल के लिए बैंक के साथ कॉन्ट्रेक्ट किया था। इसके बाद 2016, 2017 और साल 2019 में कॉन्ट्रैक्ट आगे बढ़ा दिया गया। साल 2019 में इस हेरा-फेरी की जानकारी भी मिल गई थी, लेकिन उसके बावजूद भी दिल्ली जल बोर्ड ने बैंक के साथ कॉन्ट्रैक्ट जारी रखा। साथ ही सूत्रों के मुताबिक़ साल 2012-2019 के बीच कई सारी वित्तीय अनियमितताएं बरती गईं और जो 20 करोड़ रुपये बैंक के खाते से दिल्ली जल बोर्ड के खाते में ट्रांसफर होने थे वो पैसा दिल्ली जल बोर्ड के पास नहीं पहुंचा। कॉन्ट्रेक्ट के नियमों के मुताबिक, उपभोक्ताओं से बिल की राशि इकट्ठा करने वाले बैंक को 24 घंटे के भीतर ये पैसा दिल्ली जल बोर्ड के खाते में जमा करना होता है लेकिन दिल्ली जल बोर्ड और बैंक अधिकारियों ने इस नियम का भी उल्लंघन किया।

बता दें, यह पहला मौका नहीं है जब दिल्ली जल बोर्ड में धांधली सामने आई है। इससे पहले वाटर मीटिर रीडिंग में गड़बड़ी सामने आई थी। अभी यूनियन बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है। बैंक अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

Rani Gupta

Rani Gupta

News Reporter


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