केजरीवाल सरकार के शिक्षा मॉडल की खुली पोल, DDA द्वारा दिए गए 13 प्लॉट पर नहीं हुआ एक भी स्कूल का निर्माण
दिल्ली के शिक्षा मॉडल का जिक्र कर बार-बार केजरीवाल सरकार वाहवाही बटोरने की कोशिश करती है। लेकिन एक बार फिर केजरीवाल के शिक्षा मॉडल की पोल खुली है। दरअसल दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने पिछले 8 वर्षों में दिल्ली में स्कूलों के निर्माण के लिए केजरीवाल सरकार को 13 पार्सल भूमि आवंटित की है। लेकिन अब तक एक भी प्लॉट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। जानकारी के मुताबिक उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीएम केजरीवाल के साथ हुई बैठक में इस मुद्दे को उठाया है।
द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा एक्सेस किए गए रिकॉर्ड के मुताबिक 1,600 और 8,000 वर्ग मीटर के बीच के 13 भूखंडों को डीडीए द्वारा दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को आवंटित किया गया था, जो कि राज निवास के अधिकार क्षेत्र में आता है, वर्ष 2015 और अगस्त 2022 के बीच, 2022 में 13 भूखंडों में से नौ आवंटित किए गए हैं।
“इन भूखंडों में सबसे छोटा, 1,600 वर्ग मीटर में फैला हुआ है, जो उत्तरी दिल्ली में शाही ईदगाह में स्थित है और सबसे बड़ा वसंत कुंज में 8,093.72 वर्ग मीटर है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, सभी भूखंड वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के निर्माण के लिए आवंटित किए गए थे, कोई भी नहीं आया।
बीजेपी ने इस खुलासे के बाद केजरीवाल सरकार से जवाब मांगा है। दिल्ली बीजेपी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि DDA द्वारा स्कूल खोलने के लिए 13 प्लॉट दिए जाने के बाद भी आजतक एक भी स्कूल क्यों नहीं खोला?
भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के लिये दिल्ली आगमन पर श्री @ajayjamwalbjp जी का हार्दिक अभिनंदन !#भाजपा_राष्ट्रीय_कार्यकारिणी_2023 pic.twitter.com/ISEObSoUeY
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) January 15, 2023
पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 2015 से 2022 तक DDA ने दिल्ली के शिक्षा निदेशालय को स्कूल बनाने के लिए 13 प्लाट दिए, पर 13 में से किसी भी प्लाट पर केजरीवाल सरकार आज तक स्कूल नहीं बना सकी।
2015 से 2022 तक DDA ने दिल्ली के शिक्षा निदेशालय को स्कूल बनाने के लिए 13 प्लाट दिए, पर 13 में से किसी भी प्लाट पर केजरीवाल सरकार आज तक स्कूल नहीं बना सकी।
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) January 15, 2023
बता दें कि केजरीवाल और एलजी वीके सक्सेना की शुक्रवार को हुई मुलाकात के बाद एक बार फिर एलजी और केजरीवाल के बीच टकराव देखने को मिला। जहां एलजी हाउस के अधिकारियों के मुताबिक, एलजी ने शहर की टूटी-फूटी और गड्ढों वाली सड़कों का निर्माण किया था, कोई नया फ्लाईओवर, अंडरपास, अस्पताल, स्कूल या पिछले आठ वर्षों में कॉलेज की स्थापना, वायु प्रदूषण और यमुना की बिगड़ती स्थिति आदि।
Shipra Saini
News Anchor