फारूक अब्दुल्ला का जम्मू कश्मीर पर बड़ा बयान कहा कश्मीर में शांति चाहते हैं तो फिर से बहाल करें आर्टिकल-370

जम्मू कश्मीर से आर्टिकल ३७० को खत्म किए भले ही दो साल से ज्यादा का वक्त बीत गया हो लेकिन महबूबा मुफ्ती और फारुख अब्बदुल्ला जैसे नेताओ का आर्टिकल ३७० की बहाली का राग अलापना कम नही हुआ है। संसद का शीतकालीन सत्र शुरु हो गया है। आज लोकसभा में गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर को लेकर जानकारी दी कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, कुल 1678 अठत्तर प्रवासी पीएम विकास पैकेज 2015 के तहत नौकरी करने के लिए कश्मीर लौट आए हैं। 150 आवेदकों की भूमि बहाल की गई है।
As per info by govt of J&K, after the abrogation of Article 370, a total of 1678 migrants have returned to Kashmir for taking up jobs under PM Development Package 2015. The land of 150 applicants restored: MHA in a written reply in Lok Sabha
— ANI (@ANI) November 30, 2021
नेशनल कॉन्फ्रेंस के लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर घाटी में अगर स्थिति को सामान्य करना है तो आर्टिकल-370 को बहाल करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर साथ नहीं दिया, तो अकेले ही अपनी मांगों के लिए आगे बढ़ेंगे. इससे पहले सोमवार को भी फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसदों ने अनुच्छेद-370 वापस लेने और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देने की मांग के साथ संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया।
नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसदों के प्रदर्शन में हसनैन मसूदी और मुहम्मद अकबर लोन भी शामिल थे। उन्होंने हाल ही में श्रीनगर के हैदरपोरा और रामबाग एनकाउंटर की न्यायिक जांच कराने की भी मांग की। अब्दुल्ला ने पोस्टर पकड़ा हुआ था, जिसमें लिखा था कि कृषि कानूनों की तरह अनुच्छेद-370 को वापस लो। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला इससे पहले कहते रहे हैं कि वे संविधान के अनुच्छेद-370 के तहत जम्मू-कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जे को समाप्त किए जाने को वह कानूनी और संवैधानिक माध्यमों से चुनौती देते रहेंगे।
If normalcy is to be brought in Kashmir, then Article 370 has to be reinstated: National Conference MP Farooq Abdullah at the Parliament in Delhi pic.twitter.com/0IunV1gUMC
— ANI (@ANI) November 30, 2021
जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए इन पर उप-राज्यपाल का बयान सामने आया है।
जिसने स्टेटहुड(राज्य का दर्ज़ा) लिया है, वही स्टेटहुड देगा, वो संसद ही दे सकती है। PM और गृहमंत्री ने भी संसद में और देश को संबोधित करते हुए बताया है कि डिलिमिटेशन के बाद चुनाव होगा, उसके बाद स्टेटहुड दिया जाएगा। देश को भरोसा रखना चाहिए: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा pic.twitter.com/NwB71OLp8G
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 30, 2021