Pyara Hindustan
National

राहुल गांधी की सदस्यता जाने पर जर्मनी ने दी लोकतंत्र की दुहाई, कानून मंत्री बोले- विदेशी दबाव को बर्दाश्त नहीं करेगा भारत

राहुल गांधी की सदस्यता जाने पर जर्मनी ने दी लोकतंत्र की दुहाई, कानून मंत्री बोले- विदेशी दबाव को बर्दाश्त नहीं करेगा भारत
X

राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाना ना सिर्फ कांग्रेस बल्कि अब दूसरे देशो को भी परेशान कर रहा है। इस मामले में अब दूसरे देश भी अब अपनी टांग अड़ाने लगे हैं। पहले अमेरिका ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने और सजा मिलने पर प्रतिक्रिया दी थी। अब जर्मनी की सरकार ने इस मामले में लोकतंत्र की दुहाई दी है। कांग्रेस पार्टी के नेता् दिग्विजय सिंह ने जर्मनी विदेश मंत्रालय को इस समर्थन के लिए धन्यवाद दिया है। वहीं बीजेपी इसे भारत का आंतरिक मामला बताकर कांग्रेस पर हमलावर नजर आ रही है।

दरअसल राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने पर अमेरिका के बाद अब जर्मनी के विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि राहुल गांधी के मामले में न्यायिक स्वतंत्रता और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत लागू किए जाएंगे। जर्मनी के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि हमने भारत के विपक्षी नेता राहुल गांधी के खिलाफ फैसले और उसके बाद संसद सदस्यता खत्म किए जाने का संज्ञान लिया है। जहां तक हमारी जानकारी है, मिस्टर गांधी फैसले के खिलाफ अपील करने की स्थिति में हैं। प्रवक्ता ने कहा कि तब यह स्पष्ट होगा कि क्या यह फैसला कायम रहेगा और क्या उनकी सदस्या खत्म किए जाने का कोई आधार है।

राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु कहे जाने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि राहुल गांधी को परेशान कर भारत में लोकतंत्र से समझौता करने के मामले में आपने जो संज्ञान लिया है, उसके लिए आपका धन्यवाद। अब दिग्विजय सिंह के इस बयान पर सियासत और गरमा गई है।

कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने जर्मनी की प्रवक्ता के बयान के मसले पर दिग्विजय के धन्यवाद को आधार बनाकर राहुल गांधी को निशाने पर लिया है। किरेन रिजिजू ने लिखा है कि विदेशी ताकतों को भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप के लिए न्योता देने पर राहुल गांधी का धन्यवाद। याद रखिए, भारतीय न्यायपालिका पर विदेशी ताकतें दबाव नहीं डाल सकतीं। हमारे पीएम नरेंद्र मोदी की वजह से भारत अब विदेशी दबाव को हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगा।

खास बात ये है कि राहुल गांधी ने बीते दिनों लंदन में कहा था कि अमेरिका और यूरोप के देश खुद को लोकतंत्र का पहरेदार मानते हैं, लेकिन वे भारत में लोकतंत्र की खराब हालत पर चुप हैं। तो क्या ये माना जाए कि राहुल के उकसाने पर अब ये देश बोल रहे हैं?

Shipra Saini

Shipra Saini

News Anchor


Next Story