Pyara Hindustan
National

माँ काली विवाद के बीच इशारों ही इशारों में पीएम ने ममता को दी बड़ी नसीहत, तारापीठ मंदिर के पुजारी ने महुआ के टिप्पणी का किया खंडन, कहा – शास्त्रों में कहीं नहीं लिखा मांस-शराब लेती हैं देवी

माँ काली विवाद के बीच इशारों ही इशारों में पीएम ने ममता को दी बड़ी नसीहत, तारापीठ मंदिर के पुजारी ने महुआ के टिप्पणी का किया खंडन, कहा – शास्त्रों में कहीं नहीं लिखा मांस-शराब लेती हैं देवी
X

माँ काली को लेकर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की ओछी टिप्पणी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।इसके साथ ही बीजेपी ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पूछा है कि आखिर कब तक वो हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करने वाली महुआ मोइत्रा का बचाव आखिर कब तक करेंगी। वही मां काली विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, सब कुछ मां की चेतना से ही व्याप्त है। मां काली का आशीर्वाद हमेशा देश के साथ है। दरअसल, पीएम मोदी रविवार को स्वामी आत्मस्थानंद के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने मां काली को लेकर भी चर्चा की।

बता दे, प्रधानमंत्री ने कहा, स्वामी रामकृष्ण परमहंस, एक ऐसे संत थे जिन्होंने मां काली का स्पष्ट साक्षात्कार किया था, जिन्होंने मां काली के चरणों में अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया था। वो कहते थे- ये सम्पूर्ण जगत, ये चर-अचर, सब कुछ मां की चेतना से व्याप्त है। पीएम ने कहा, यह चेतना बंगाल की काली पूजा में दिखती है। यही चेतना बंगाल और पूरे भारत की आस्था में दिखती है और जब आस्था इतनी पवित्र होती है तो शक्ति हमारा पथ प्रदर्शन करती है। उन्होंने कहा, मां काली का असीमित और असीम आशीर्वाद भारत के साथ है। भारत इसी आध्यात्मिक ऊर्जा को लेकर आज विश्व कल्याण की भावना से आगे बढ़ रहा है।

बता दे, पीएम मोदी के भाषण के बाद भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने महुआ मोइत्रा पर निशाना साधा। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल बंगाल बल्कि पूरे भारत को मां काली की भक्ति का केंद्र बताते हैं। दूसरी ओर, एक टीएमसी सांसद ने मां काली का अपमान किया। उन पर कार्रवाई के बजाय ममता बनर्जी उनका बचाव करती हैं।

वही एक ओर इसके साथ ही पार्टी तारापीठ मंदिर के सचिव तारामय मुखर्जी का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने माँ काली पर महुआ मोइत्रा की टिप्पणी की आलोचना की है। इसी क्रम में बंगाल बीजेपी ने एक पोस्ट शेयर किया, "तारामंदिर पीठ के सचिव तारामय मुखर्जी ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा माँ काली के अप्रिय चरित्र चित्रण की खिंचाई की है। शास्त्रों के ज्ञान के बिना मंदिर के पुजारी ने उनकी आलोचना की है।"

तारामय मुखर्जी के मुताबिक, शास्त्रों में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि देवी मांस और शराब का सेवन करती हैं। शास्त्रों में इस तरह से कहने की कोई इजाजत नहीं है। करोक सुधा नाम का एक पेय देवी को अर्पित किया जाता है। लेकिन, ये पेय भी तांत्रिक मंत्रों के उच्चारण और शुद्धिकरण के बाद ही अर्पित किया जाता।

गौरतलब है कि मंगलवार यानी कि 5 जुलाई को डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' के पोस्टर को लेकर जारी विवाद के बीच कहा था कि काली के कई रूप हैं। उनके लिए काली का मतलब मांस और शराब स्वीकार करने वाली देवी हैं। हालाँकि टीएमसी ने इस बयान से दूरी बना ली थी और इसकी निंदा की थी। पार्टी ने कहा था कि महुआ मोइत्रा द्वारा दिए गए बयान और माँ काली को लेकर उनके द्वारा अभिव्यक्त किए गए विचार उनके निजी हैं और पार्टी किसी भी सूरत में या किसी भी रूप में इसका समर्थन नहीं करती। लेकिन महुआ इतने पर नहीं रुकी उन्होंने कहा था, "मैं ऐसे भारत में नहीं रहना चाहती, जहाँ सिर्फ भाजपा का पितृसत्तात्मक ब्राह्मणवादी दृष्टिकोण हावी रहेगा और बाकी लोग धर्म के ईर्द-गिर्द घूमते रहेंगे। मैं मरते दम तक अपने बयान का बचाव करती रहूँगी। तुम जितना चाहे FIR दर्ज करवा लो, मैं हर बार इसका कोर्ट में सामना करूँगी।"

Rani Gupta

Rani Gupta

News Reporter


Next Story