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राजस्थान में मिला लिथियम का महाभंडार, देश की 80 फीसदी जरूरत होगी पूरी, EV सेक्टर के लिए बड़ी खुशखबरी

राजस्थान में मिला लिथियम का महाभंडार, देश की 80 फीसदी जरूरत होगी पूरी, EV सेक्टर के लिए बड़ी खुशखबरी
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देश की धरती सफेद सोना उगल रही है। जम्मू कश्मीर के बाद राजस्थान से अच्छी खबर सामने आई है। राजस्थान में बड़ी मात्रा में लिथियम का भंडार मिला है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि की है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण यानी जीएसआई के मुताबिक यह लीथियम का भंडार जम्मू-कश्मीर में मिले भंडार से बड़ा है। राजस्थान के नागौर इलाके में मिले इस भंडार से देश की 80 प्रतिशत लिथियम डिमांड का पूरा किया जा सकता है। राजस्थान में लिथियम के भंडार डेगाना और उसके आसपास के इलाके की उसी रेनवेट पहाड़ी में पाए गए हैं, जहां से कभी टंगस्टन खनिज की आपूर्ति की जाती थी।

हरित अर्थव्यवस्था पर जोर के बीच भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण लीथियम, निकल, कोबाल्ट और अन्य दुर्लभ तथा महत्वपूर्ण खनिजों की खोज पर जोर दे रहा है। जीएसआई अधिकारियों के मुताबिक महत्वपूर्ण खनिजों के लिए 2020-21 से हर वर्ष 100 से ज्यादा खोज परियोजनाएं चलाई जा रही है। जिसकी संख्या पहले काफी कम थी।

एक रिर्पोट के मुताबिक राजस्थान में लिथियम का भंडार मिलने से देश की इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल, मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिक उपकरण इंडस्ट्री में खुशी का माहौल है। क्योंकि देश में लिथियम के प्रोडक्शन से इलेक्ट्रिक बस, कार, स्कूटर, बाइक, मोपेड और ई-रिक्शा की बैटरी के लिए जरूरी लिथियम स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हो जाएगा। इसके अलावा मोबाइल, ई-पैड, ई-पॉड, इनवर्टर, टॉर्च, रेडियो, बैटरी बल्ब, इलेक्ट्रिक लालटेन, मेडिकल डिवाइसेस और लिथियम आयन बैटरी से चलने वाले उपकरणों में भी इसका इस्तेमाल होगा, जिससे इनकी कीमतों में काफी गिरावट आने की संभावना बन गई है।

बता दें कि राजस्थान के साथ ही लिथियम की खोज जम्मू-कश्मीर, मेघालय, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी जारी है। इसके साथ ही अब भारत को चीन चिली जैसे देशो पर लिथियम के लिए निर्भर नहीं रहना होगा। साथ ही लिथियम के लगातार बढ़ते वैश्विक बाजार के बीच इसे भारत के लिए बड़ी खुशखबरी माना जा रहा है। फिलहाल लिथियम डिपोजिट्स के मामले में बोलिविया देश शीर्ष स्थान पर है।

वोक्सवैगन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लिथियम का ग्लोबल मार्केट काफी तेजी से बढ़ रहा है। 2008 और 2018 के बीच टॉप उत्पादक देशों में सालाना उत्पादन 25,400 से बढ़कर 85,000 टन हो गया है। लिथियम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी में होता है। हालांकि, लिथियम का उपयोग लैपटॉप और सेल फोन की बैटरी के साथ-साथ ग्लास और सिरेमिक उद्योगों में भी किया जाता है।

बता दें कि भारत में लिथियम के भंडार अब तक 59 लाख टन तक खोजे जा चुके हैं। यूएसजीएस की रिपोर्ट कहती है कि भारत लिथियम खोज में चीन से काफी ऊपर आ चुका है। बोलिविया में दुनिया में सबसे ज्यादा 210 लाख टन लिथियम भंडार खोजे जा चुके हैं। लिथियम खोज में भारत दुनिया में अब तीसरे नंबर पर आ चुका है।

Shipra Saini

Shipra Saini

News Anchor


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