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UNSC में विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन-पाक को लगाई लताड़, कहा -आतंकियों के बचाव के लिए अंतरराष्‍ट्रीय मंचों हो रहा है दुरुपयोग

भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता का ब्रिटेन, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात ने समर्थन किया है।

UNSC में विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन-पाक को लगाई लताड़, कहा -आतंकियों के बचाव के लिए अंतरराष्‍ट्रीय मंचों हो रहा है दुरुपयोग
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई है। विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन को लताड़ लगाते हुए कहा कि आतंकवाद के अपराधियों को सही ठहराने और उनकी रक्षा करने के लिए बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग किया जा रहा है।

संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाने पर एस जयशंकर ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि जिस देश ने अलकायदा चीफ ओसामा बिन लादेन की मेजबानी की उसके पास संयुक्त राष्ट्र पर उपदेश देने की साख नहीं बचती। देखिए किस तरह से बिलावल भुट्टो जरदारी विदेश मंत्री पाक को किस तरह से भारत के विदेश मंत्री एसजशंकर ने मुंहतोड़ जवाब दिया।

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने UNSC में सुधार को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। एस जयशंकर ने सीधे तौर पर चीन का नाम नहीं लिया लेकिन उनका इशारा चीन की तरफ था। जिसने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर जैसे पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों को संयुक्त राष्ट्र टेरर लिस्ट में शामिल करने के भारत और अमेरिका की कोशिशों में कई मौकों पर अडंगा डाला है।

भारत की ओर से चीन को लगाई फटकार के बावजूद कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर चीन की तरफ से आंक मूंदने का आरोप लगाया है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट में लिखा,"विदेश मंत्री एस जयशंकर को शायद भारतीय तारीख और कूटनीति के कुछ अध्यायों पर दोबारा गौर करना चाहिए. बदकिस्मती से वे वही गलती कर रहे हैं जो रक्षा मंत्री कृष्णा मेनन ने की थी. जब खतरा चीन से है तो वह पाकिस्तान पर ध्यान क्यों लगा रहे हैं।"



बता दें कि इस साल दिसंबर के अंत में 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNCS) के निर्वाचित सदस्य के रूप में भारत का दो साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर आतंकवाद रोधी दो बैठकों की अध्यक्षता करने के लिए मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र पहुंचे हैं।

भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता का ब्रिटेन, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात ने समर्थन किया है। इन तीनों देशों ने कहा है कि वे भारत को UNSC का स्थायी सदस्य बनाने के पक्ष में हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पहले ही भारत की सदस्यता का समर्थन कर चुके हैं। अब सबकी नजरें सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन पर टिकी हैं। आशंका है कि चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता का विरोध कर सकता है। ऐसी स्थिति में सुरक्षा परिषद की सीट पर भारत की दावेदारी मुश्किल में आ सकती है। चीन सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है।

Shipra Saini

Shipra Saini

News Anchor


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