दैनिक भास्कर ने की 700 करोड़ की टैक्स चोरी, 100 से ज्यादा फर्जी कंपनियों से चला रहे करोड़ों का कारोबार।
दैनिक भास्कर ने की 700 करोड़ की टैक्स चोरी, 100 से ज्यादा फर्जी कंपनियों से चला रहे करोड़ों का कारोबार।

दैनिक भास्कर समूह पर आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान कई बड़े खुलासे किए गए। वहीं हाल ही में आयकर विभाग ने एक प्रेस रिलीज जारी की है जिसमें उन्होंने विस्तार से बताया है कि किस तरह से दैनिक भास्कर जो कि ख़ुद को सच्ची और निष्पक्ष पत्रकारिता की मिसाल बता रहा है उसने क़रीब 2200 करोड़ रुपये की धांधलेबाजी की। आपको बता दें कि आयकर विभाग की जाँच में सामने आया कि दैनिक भास्कर पर क़रीब 700 करोड़ का टैक्स पेंडिंग है। इसी के साथ प्रेस रिलीज़ में बताया गया है कि भास्कर समूह के मुंबई, दिल्ली, भोपाल, इंदौर, नोएडा और अहमदाबाद सहित 9 शहरों में फैले 20 आवासीय और 12 व्यवसायिक परिसरों में तालाशी अभियान चलाया गया।
अखबार चलाते-चलाते दर्जनों कंपनियां शुरू कर दीं। 700 करोड़ कमाई पर टैक्स की चोरी की। और जब इनकम टैक्स का छापा पड़ा तो विक्टिम कार्ड खेलने लगे।
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) July 24, 2021
ये है हिंदुस्तान का मीडिया।
इनकम टैक्स चोरी पकड़ने के छापे पर मीडिया की आज़ादी का हल्ला मचाने वाला गैंग कहाँ है ? pic.twitter.com/NehEy6AJ8R
दैनिक भास्कर की होल्डिंग्स और सहायक कंपनियों सहित 100 से अधिक कंपनियाँ है। छापेमारी में पता चला कि भास्कर समूह अपने कर्मचारियों के नाम पर कई कंपनियों का संचालन कर रहे हैं, जिनका इस्तेमाल फ़र्ज़ी ख़र्चों की बुकिंग और फंड के रूटिंग के लिए किया गया। तालाशी के दौरान सामने आया कि जिन कर्मचारियों का नाम दैनिक भास्कर ने शेयरधारक और निदेशकों के रूप में इस्तेमाल किया है दरअसल उन्हें ऐसी कंपनियों के बारे कोई जानकारी भी नहीं है। उन्होंने अपने आधार कार्ड और डिजिटल हस्ताक्षर सिर्फ़ कंपनी के भरोसे दिए थे। वहीं इनमें कई मालिकों व प्रवर्तकों के रिश्तेदार भी हैं जिन्हें उनकी नाम पर चल रही कंपनियों के बारे में कुछ नहीं पता। इन कंपनियों का इस्तेमाल मानव श्रम, ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक और नागरिक कार्यों से जुड़े पेशों के नाम पर हो रहा था।
इन्कम टैक्स ने दैनिक भास्कर ग्रुप पर छापेमारी कर बताया कि ग्रुप ने अपने कर्मचारियों के नाम पर कंपनियाँ खोल रखी थी जिसके जरिये ख़र्चों और पैसों को रूट किया जा रहा था। इन कंपनियों के जरिये पिछले 6 सालों में ₹700 करोड़ रूट करने का अंदेशा। जानकारी 👇🏼 pic.twitter.com/A88NZzkHKC
— Jitender Sharma (@capt_ivane) July 25, 2021
अब तक हुई जांच में पता चला है कि छह साल के अंदर 700 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेनदेन पकड़ा गया है। सीबीडीटी के मुताबिक़ आयकर विभाग ने भास्कर समूह की अनुषांगिक कंपनियों में 408 करोड़ रुपये पकड़े हैं। यह राशि बेहद कम दर पर क़र्ज़ के रूप में दी गई है। जबकि रियल एस्टेट कंपनी अपने कर योग्य लाभ से ब्याज के खर्च का दावा करती है रही है, इसे होल्डिंग कंपनी के व्यक्तिगत निवेश के लिए डायवर्ट किया गया।
यही नहीं भास्कर समूह की ओर से विज्ञापन राजस्व के तौर पर असल भुगतान की जगह अचल संपत्ति लेने का भी खुलासा हुआ है। ऐसे में सबूत भी मिले हैं जिनमें इन संपत्तियों की बिक्री के नाम पर नक़दी का भुगतान हुआ है। इनकी जाँच जारी है। सीबीडीटी ने दैनिक भास्कर के मुख्य कर्मचारियों व प्रवर्तकों के घरों से 26 लॉकर भी बरामद किए हैं जिनकी जांच की जा रही है।