Pyara Hindustan
National

पाकिस्तान पर बड़ी 'डिजिटल स्ट्राइक', पाक सरकार का ट्विटर अकाउंट भारत में हुआ बंद, चीन के पैंतरे भी हुए फेल

पाकिस्तान पर बड़ी डिजिटल स्ट्राइक, पाक सरकार का ट्विटर अकाउंट भारत में हुआ बंद, चीन के पैंतरे भी हुए फेल
X

मोदी सरकार ने पाकिस्तान और चीन को बड़ा झटका दिया है। जहां भारत ने पाकिस्तान पर बड़ी 'डिजिटल स्ट्राइक' की है तो वहीं चीन को अपना मसौदा प्रस्ताव वापस लेने पर मजबूर कर दिया है। पाकिस्तान सरकार को भारत ने बड़ा झटका दिया है। पाकिस्तान सरकार का ट्विटर अकाउंट भारत में बंद कर दिया गया है। भारत के ट्विटर यूजर्स के लिए ये ट्विटर अकाउंट ब्लॉक है। ट्विटर की तरफ से बताया गया है कि एक लीगल शिकायत मिलने के बाद उसने ऐसा कदम उठाया है। माना जा रहा है कि भारत में देश विरोधी गतिविधियों पर रोक लगाने की दिशा में मोदी सरकार ने यह कदम उठाया है।

हाल ही में पीएफआई पर पांच साल के बैन के विरोध में पाकिस्तानी दूतावास की तरफ से ट्वीट किया गया था। जिसमें भारत का विरोध और पीएफआई के समर्थन में बातें कही थी। सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के कनाडा में स्थित दूतावास के एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट, जो पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के समर्थन में था, खूब वायरल हुआ था। रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान महावाणिज्य दूतावास वैंकूवर के आधिकारिक हैंडल ने प्रतिबंधित पीएफआई के समर्थन में ट्वीट किया था। यही नहीं आपत्तिजनक ट्वीट के साथ इसमें पाकिस्तान विदेश मंत्रालय और पाक सरकार को टैग भी किया गया। सोशल मीडिया पर इस ट्वीट के खिलाफ लोगों ने काफी गुस्सा निकाला। यह पोस्ट काफी वायरल भी हुई।

वहीं दूसरी तरफ चीन ने ऑस्ट्रेलिया को परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियां मुहैया कराने को लेकर ऑकस ग्रुप के खिलाफ IAEA में अपने मसौदा प्रस्ताव को वापस ले लिया है। दरअसल, इस मामले पर भारत की ओर से जताए गए ऐतराज के बाद बीजिंग को यह कदम उठाना पड़ा और वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हुआ। चीन ने 26 सितंबर से 30 सितंबर तक वियना में हुए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के आम सम्मेलन में प्रस्ताव पारित कराने की कोशिश की। ऑकस (ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका) सुरक्षा साझेदारी की पिछले साल सितंबर में घोषणा की गई थी। सूत्रों ने बताया कि चीन ने तर्क दिया कि यह पहल परमाणु अप्रसार संधि के तहत उनकी जिम्मेदारियों का उल्लंघन है।

एक सूत्र ने कहा, 'भारत ने आईएईए की ओर से तकनीकी मूल्यांकन की सही ढंग से पहचान की। साथ ही इस मामले में देश ने उद्देश्यपूर्ण रवैया अपनाया। वियना में भारतीय मिशन ने इस संबंध में कई आईएईए सदस्य देशों के साथ मिलकर काम किया। भारत की इस पहल में दूसरे देशों का भी समर्थन मिला।'

सूत्र ने कहा, 'भारत की सकारात्मक भूमिका ने कई छोटे देशों को चीनी प्रस्ताव पर स्पष्ट रुख अपनाने में मदद की। जब चीन ने महसूस किया कि उसके प्रस्ताव को बहुमत नहीं मिलेगा तो उसने 30 सितंबर को अपना मसौदा प्रस्ताव वापस ले लिया।' सूत्रों ने बताया कि भारत की कुशल और प्रभावशाली कूटनीति की आईएईए के सदस्य देशों, विशेष रूप से ऑकस सदस्यों ने सराहना की।

Shipra Saini

Shipra Saini

News Anchor


Next Story