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मंदी के साए के बीच दुनिया में बजेगा भारत का डंका, IMF ग्रोथ रिर्पोट में नंबर 1 भारत, अमेरिका और चीन को छोड़ा पीछे

मंदी के साए के बीच दुनिया में बजेगा भारत का डंका, IMF ग्रोथ रिर्पोट में नंबर 1 भारत, अमेरिका और चीन को छोड़ा पीछे
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दुनिया भर में मंदी का साया है लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। अब इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने भारत समेत अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की ग्रोथ पर अनुमान जारी किया है। ग्लोबल एजेंसी के मुताबिक 2022 और 2023 में भारत की GDP ग्रोथ दूसरे देशों के मुकाबले सबसे तेज रहेगी। हालांकि, पहले के मुकाबले ग्रोथ की रफ्तार थोड़ी धीमी रहेगी। क्योंकि दुनियाभर में बढ़ती ब्याज दरें, सप्लाई की दिक्कतें और यूरोप में जारी युद्ध से इकोनॉमिक एक्टिविटी पर असर पड़ा है। IMF ने मंगलवार को जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक ऑउटलुक रिपोर्ट में अनुमान घटाया है।

IMF के मुताबिक भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ 2022 में 6.8 फीसदी रहेगी। जबकि इसी साल जुलाई में 2022 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 7.4 फीसदी और जनवरी में 8.2 फीसदी दिया था। बता दें कि FY22 में भारत की GDP ग्रोथ 8.7 फीसदी रही थी। IMF की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की GDP ग्रोथ अनुमान को जुलाई अनुमान से 0.6 फीसदी कम किया गया है। दूसरी ओर, दुनिया की बड़ी इकोनॉमी की हालत ज्यादा बुरा है।

वहीं चीन में जीरो कोविड पॉलिसी के चलते लॉकडाउन से इकोनॉमी पर बुरा असर पड़ा है। इससे प्रॉपर्टी सेक्टर को बुरी तरह नुकसान हुआ है। इस सेक्टर का इकोनॉमिक एक्टिविटी में 20 फीसदी हिस्सा है। IMF के मुताबिक 2022 में चीन की GDP ग्रोथ 3.2 फीसदी और 2023 में 4.4 फीसदी रह सकती है, जबकि 2021 में 8.1 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई थी।2022 के लिए ग्लोबल ग्रोथ पर भी अनुमान को घटाकर 3.2 फीसदी और 2023 के लिए 2.7 फीसदी कर दिया है, जबकि 2021 में ग्रोथ 6 फीसदी थी। यह कोरोना महामारी और ग्लोबल फाइनेंशियल संकट को छोड़कर 2001 के बाद सबसे कमजोर ग्रोथ है। IMF के रिसर्च के डायरेक्टर के मुताबिक ग्लोबल इकोनॉमी के लिए रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन में स्लोडाउन और रिकॉर्ड महंगाई का बुरा असर पड़ा है।

उन्होंने कहा कि 2023 में एक तिहाई से ज्यादा ग्लोबल इकोनॉमी में गिरावट देखने को मिलेगा। अमेरिका, यूरोपिय यूनियन और चीन की अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट रहेगी। कुल मिलाकर बुरा दौर अभी आना बाकी है, 2023 में मंदी जैसा महसूस होने लगेगा। IMF की रिपोर्ट के मुताबिक रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते ग्लोबल इकोनॉमी बुरी तरह प्रभावित हुई है। इससे यूरोप में एनर्जी संकट पैदा हुई, जिससे रहन-सहन महंगा हो गया है। नतीजतन, इसका असर इकोनॉमिक एक्टिविटी पर पड़ रहा है।

Shipra Saini

Shipra Saini

News Anchor


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