जम्मू कश्मीर में आतंकपरस्तो पर सरकार का बड़ा प्रहार, सैयद अली शाह गिलानी का पोता सरकारी नौकरी से बर्खास्त

जम्मू कश्मीर मे बीते कुछ दिनो में आतंकी गतिविधियां तेज होती दिखी है लेकिन इसी के साथ केन्द्र सरकार का जबरदस्त एक्शन भी जम्मू कश्नमीर में नजर आ रहा है। सरकार ने पाकिस्तान परस्त तत्वों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। बड़ी खबर यह है कि सरकार ने आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानीके पोते को शनिवार को सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया।
बता दे कि अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का पोता अनीस उल इस्लाम शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन केंद्र श्रीनगर में शोध अधिकारी था।लेकिन अब उसे बर्खास्त कर दिया गया है। अब संविधान के अनुच्छेद 311 के विशेष प्रावधान का इस्तेमाल कर उसे नौकरी से निकाल दिया गया है। उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के निर्देश पर सामान्य प्रशासनिक विभाग ने शनिवार को इसके आदेश जारी कर दिए हैं। अनीस की गतिविधियों पर उपलब्ध सूचनाओं और तथ्यों व मामले की परिस्थिति पर गौर करने के बाद उसे सरकारी सेवा से बर्खास्त किया गया है।
J&K सरकार ने सैयद अली शाह गिलानी के पोते पर एक्शन लिया गया है,हुर्रियत नेता सईद अली शाह गिलानी के पोते अनीस-उल-इस्लाम को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है,जम्मू और कश्मीर टूरिज्म डिपार्टमेंट के तहत साल 2016 में उसकी नियुक्ति की गई थी,LG ने संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत फैसला
— आदित्य तिवारी / Aditya Tiwari (@aditytiwarilive) October 16, 2021
इसके अलावा डोडा जिले में तैनात सरकारी शिक्षक फारूक अहमद भट को बर्खास्त किया गया है। दोनों की गतिविधि को प्रदेश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है। बता दें कि फारूक अहमद बट जिसे बर्खास्त किया गया है। बट का भाई मोहम्मद अमीन बट लश्कर ए तैयबा का सक्रिय आतंकी है। वह पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में बैठकर कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियां चला रहा है। लेकिन अब इन दोनो को घाटी में आतंकवाद को समर्थन देने की कीमत चुकानी पड़ी है। इन दोनों की बर्खास्तगी के साथ ही जम्मू कश्मीर में पिछले 6 महीने में सरकारी नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है.
बता दें कि महबूबा मुफ्ती के कार्यकाल में नियमों को ताक पर रखकर अनीस उल इस्लाम को नौकरी दी गई थी। अधिकारियों ने बताया कि अनीस उल इस्लाम के संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब में रहने वाले तीन संदिग्ध लोगों से गहरे संबंध में हैं। अनीस के पिता अल्ताफ फंटूश को आतंकियों को फाइनेंस करने के मामले में NIA पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और वह 2017 से तिहाड़ जेल में बंद है।
बता दें कि सैयद अली शाह गिलानी जम्मू कश्मीर में आतंक फैलाने में पाकिस्तान का सबसे बड़ा मोहरा था। वह खुलेआम जम्मू कश्मीर के बचे हिस्से को भारत से काटकर पाकिस्तान में मिलाने का ऐलान करता था। अपने इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए उसने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का गठन किया था। जिसके बैनर तले वह कश्मीर घाटी में हड़तालों का कैलेंडर जारी करता था।