Pyara Hindustan
National

चीनी फंडिग केस में न्यूजक्लिक पर रेड़ दो धड़ों में बंटे पत्रकार, एजेंडाधारी और राष्ट्रवादी पत्रकार आमने-सामने

चीनी फंडिग केस में न्यूजक्लिक पर रेड़ दो धड़ों में बंटे पत्रकार, एजेंडाधारी और राष्ट्रवादी पत्रकार आमने-सामने
X

न्यूज पोर्टल न्यूजक्लिक से जुड़े पत्रकार अभिसार शर्मा और कई पत्रकारो के लगभग 30 ठिकानो पर छापेमारी हुई है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आज सुबह एक साथ दिल्ली,नोएडा, गजियाबाद में रेड मारी है। जिसमें अभिसार शर्मा का घर भी शामिल है। पत्रकार अभिसार शर्मा ने कार्रवाई की जानकारी खुद ट्वीट कर दी है। ये कार्रवाई न्यूज पोर्टल को चीन से फंडिंग मिलने के आरोपों के सिलसिले में की गई है।

न्यूजक्लिक पर हुई इस कार्रवाई से तमाम पत्रकारों की अलग अलग प्रतिक्रियाए आ रही है तो वही 14 पत्रकारो का बायकॉट करने वाले विपक्षी गठबंधन को भी अब न्यूजक्लिक पर छापेमारी होते ही प्रेस की आज़ादी की चिंता सता रही है। पत्रकार दो धड़ो में बंट चुके है एक तरफ है वो एजेंडाधारी पत्रकार है जो अपने एजेंडा को पूरा करने के लिए पत्रकारिता कर रहे है दूसरे तरफ राष्ट्र की बात करने वाले राष्ट्रवादी पत्रकार जो इस कार्रवाई को सही बता रहे है। उनका कहना है कि देशद्रोह के आरोप में जांच होनी चाहिए।

इंडिया टूडे के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने न्यूजक्लिक पर हुई छापेमारी को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होने कहा है कि न्यूज़क्लिक वेबसाइट से जुड़े कई पत्रकारों/लेखकों के घरों पर छापेमारी चल रही है। पूछताछ हो रही है। लेकिन अभी तक कोई वारंट/एफआईआर नहीं दिखाया गया। लोकतंत्र में पत्रकार कब से राज्य के 'दुश्मन' बन गए?

वहीं पत्रकार अजीत अंजुम ने सिलसिलेवार ढंग से पोस्ट करके अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होने पूछा कि न्यूजक्लिक के लिए शोज करने की सजा है क्या ये ?

वहीं दूसरी तरफ कई राष्ट्रवादी पत्रकारो की प्रतिक्रियाए भी इस मामले में सामने आई है। जिसमेंं रुबिका लियाकत, सुशांत सिन्हा, अमन चोपड़ा और दीपक चौरसिया जैसे पत्रकार शामिल है। न्यूजक्लिक को लेकर पत्रकारिता पर हमले का विक्टिम कार्ड खेलने वालो को रुबिका लियाकत का करारा जवाब दिया है। रुबिका ने कहा कि देश की संप्रभुता का सवाल इसपर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का लबादा न ओढ़ाना, चीन से पैसा लेकर देश के ख़िलाफ़ एजेंडा चलाने का गंभीर आरोप लगा है और ऐजेंडाधारियों की जाँच भी न हो?

बता दें कि ये मामला पत्रकारों और खासकर वामपंथी मीडिया गिरोह से जुड़ा हुआ है, इसलिए सोशल मीडिया पर विपक्षी गठबंधन में शामिल पार्टियो के नेता और अन्य लोग इसे ‘प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमले के तौर पर पेश कर रहे है।

Shipra Saini

Shipra Saini

News Anchor


Next Story