कानून मंत्री किरेन रिजिजू का बड़ा बयान, बोले- कॉलेजियम सिस्टम की वजह से बर्बाद हो रहा सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों का कीमती समय
भारत में न्याय मिलने में देरी की चर्चा हमेशा से होती रही है, आलम ये है कि देश में कुल लंबित पड़े मामलों की संख्या पांच करोड़ तक पहुंचने वाली है. इसके बावजूद केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर लगातार टकराव की स्थिति बनी हुई है. कॉलेजियम सिस्टम पर लगातार बहस जारी है.
बता दे, अब देश के कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने इसपर बड़ा बयान दिया है. लाइव लॉ ने ट्वीट कर जानकारी दी कि किरेन रिजिजू ने कहा है कि कॉलेजियम सिस्टम की वजह से सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों का कीमती समय बर्बाद हो रहा है.
लाइव लॉ के अनुसार, कानून मंत्री ने आगे कहा कि साल 1993 में सेकेंड जज केस में सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक प्रावधानों को रद्द कर दिया और कॉलेजियम सिस्टम बनाया. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संविधान में यह बहुत स्पष्ट है कि जजों को परामर्श के अलावा जजों की अपॉइंटमेंट प्रक्रिया में शामिल नहीं होना चाहिए. यह काम कार्यपालिका द्वारा किया जाना है.
"If Judges are involved in identifying the next judges, which is an administrative job, it will definitely have an adverse impact on their duty as a judge. #CollegiumSystem has kept the senior judges extremely busy in picking the next judges": Union Law Minister @KirenRijiju pic.twitter.com/Y4nhbeE0BK
— Live Law (@LiveLawIndia) January 14, 2023
उन्होंने आगे कहा कि लेकिन अब ज्यूडिशियरी जजों की अपॉइंटमेंट प्रक्रिया में पूरी तरह से शामिल हो चुकी है. कॉलेजियम सिस्टम ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों का बेशकीमती समय ले लिया है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जब तक कॉलेजियम सिस्टम है, हम उसका पालन करेंगे.
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि लेकिन कई बार सवाल खड़े होते हैं कि सिस्टम के अंदर एमओपी है, अगर सुप्रीम कोर्ट उसी को बदलने की कोशिश करता है, तो यह सरकार के लिए एक समस्या होगी. उन्होंने कहा कि हम मानदंडों का पालन कर रहे हैं. हम सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध कर रहे हैं कि अदालत के कुछ फैसले देकर प्रक्रिया को कमजोर न किया जाए.
Rani Gupta
News Reporter