मायावती का ब्राहमण प्रेम श्रीराम की पूजा क्या योगी जी को हरा पाएगी?
23 जुलाई को अयोध्या में होने वाले ब्राह्मण सम्मेलन से पहले पार्टी नेता और पूर्व मंत्री नकुल दूबे ने घोषणा की है कि बिकरू कांड में आरोपी बनाई गई खुशी दुबे की रिहाई की लड़ाई बसपा लड़ेगी। उसका केस बसपा लडेगी ,जिसकी पैरवी बसपा के महा सचिव सतीश मिश्रा खुद करेंगे |

23 जुलाई को अयोध्या में होने वाले ब्राह्मण सम्मेलन से पहले पार्टी नेता और पूर्व मंत्री नकुल दूबे ने घोषणा की है कि बिकरू कांड में आरोपी बनाई गई खुशी दुबे की रिहाई की लड़ाई बसपा लड़ेगी। उसका केस बसपा लडेगी ,जिसकी पैरवी बसपा के महा सचिव सतीश मिश्रा खुद करेंगे |
खुशी दूबे. कुख्यात विकास दुबे के भतीजे अमर की पत्नी है।
बिकरू कांड के बाद पुलिस मुठभेड़ में दोनों ढेर कर दिए गए थे। ब्राह्मण वोटों को साधने के लिए बसपा, सपा और कांग्रेस तभी से इसे मुद्दा बनाकर ब्राहमणों को योगी के विरुद्ध करने के लिए एड़ीचोटी का जोर लगा रहे हैं।
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लेकिन सवाल ये है कि ब्राह्मणों का सच्चा हमदर्द कौन है?
बसपा सुप्रिमो सुश्री मायावती और उनकी पार्टी के "ब्राह्मण नेता" अगर वास्तव में ब्राह्मणों के हितैषी हैं तो सर्वप्रथम आरक्षण को समाप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। यदि यह भी संभव नहीं है तो कम से कम Sc/St एक्ट को "ब्राह्मण मुक्त" बनाने हेतु आंदोलन चलाएं और महामहिम से सिफारिश करें। साथ ही साथ ब्राह्मण समाज पर लगे तमाम झूठे मुकदमे वापस कराए जाएं।
सतीश चंद्र मिश्रा और नकुल दूबे जैसे बसपा नेता यह भी बताएं कि बाबा अम्बेडकर की तरह ही भगवान परशुराम के नाम पर भी गांव और पार्क कब बनवाये जाएंगे?
क्या ब्राह्मण भाईचारा सम्मेलन करवाने से और गुंडे-बदमाशों की पैरवी करने से ब्राह्मण समाज का भला नहीं होने वाला है?
सुश्री मायावती को ब्राह्मण हितों के लिए बेहद ठोस कदम उठाने होंगे। जिसमें ब्राह्मण समाज को यथोचित सम्मान, एट्रोसिटी एक्ट को पूरी तरह से समाप्त करना आवश्यक कदम हैं।
अयोध्या पहुंचकर श्रीरामलला और श्रीहनुमान जी महाराज के दर्शन करने के बाद सरयू घाट पर पूजा अर्चना करके माता सरयू का आशीर्वाद प्राप्त किया।#जयश्रीराम #जयपरशुराम pic.twitter.com/Uk1XDDQ0Ub
— Satish Chandra Misra (@satishmisrabsp) July 23, 2021
*यदि बसपा सुप्रीमों यह भी कर पाने में असमर्थ हैं तो कम से कम इतना भर कर दें कि दलित समाज के प्रत्येक व्यक्ति को बाबा भीमराव आंबेडकर द्वारा लिखित पुस्तक "थॉट्स ऑन पाकिस्तान" अथवा "पाकिस्तान : द पार्टीशन ऑफ इंडिया" उपलब्ध करवाएं ताकि वह उसे पढ़ और समझ सकें। साथ ही पाकिस्तान के प्रथम कानून और श्रम मंत्री जोगेंद्र नाथ मंडल की जीवनगाथा का सच देश के प्रत्येक दलित तक अवश्य पहुंचवा दें।
प्रदेश की जनता को यह भी अवश्य बताएं कि ऐसा क्या हुआ था कि मायावती बहन को उन गुंडों से हाथ मिलाना पड़ा जिन्होंने "एक दलित की बेटी" की इज़्ज़त को लखनऊ के गेस्ट हाउस में तार-तार करने की हरसम्भव कोशिश सपाईयो ने की थी और क्यों उस भाजपा का विरोध करना पड़ रहा है जिसने उन गुंडों-बदमाशों से "दलित की बेटी" की जान बचाई थी?
कुल मिलाकर बात ये है कि यूपी का ब्राहमण भाजपा को छोड किसी के साथ नहीं जाएगा |
पवन त्यागी
राजनैतिक विश्लेषक