गुजरात में चुनाव से पहले मोदी सरकार का बड़ा मास्टरस्ट्रोक, पाक समेत 3 देशों से आए अल्पसंख्यकों को मिलेगी नागरिकता
गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने बड़ा दांव चला है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता को लेकर बड़ा फैसला किया है। गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का फैसला किया है। इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी किया है और बताया है कि लोगों को नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
गृह मंत्रालय का गुजरात चुनाव को लेकर बड़ा फ़ैसला -
— यतेन्द्र शर्मा @YatendraMedia (@YatendraMedia) November 1, 2022
मेहसाणा और आणंद ज़िले में रह रहे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान के हिंदू, सिक्ख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने के लिए ज़िलाधिकारियों को अधिकार दिए गये pic.twitter.com/rnqc4JA7Js
गृह मंत्रालय ने ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आकर गुजरात के दो जिलों में रह रहे हिंदू, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने का फैसला किया है। खास बात ये है कि केंद्र सरकार ने नागरिकता कानून 1955 के तहत नागरिकता देने का फैसला किया है, न कि विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (CAA) के तहत। CAA में भी पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को नागरिकता देने का प्रावधान है। लेकिन इस अधिनियम के तहत अभी तक सरकार ने नियम नहीं बनाए हैं, इसलिए अब तक किसी को भी इसके तहत नागरिकता नहीं दी जा सकती।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, जो हिंदू, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी और ईसाई गुजरात के आणंद और महेसाणा जिले में रह रहे हैं, उन्हें नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6 और नागरिकता नियम, 2009 के प्रावधानों के तहत भारत के नागरिक के तौर पर रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी जाएगी या नागरिकता दी जाएगी।
गुजरात के दो जिले आणंद और महेसाणा में रहने वाले ऐसे लोगों को अपने आवेदन ऑनलाइन जमा करने होंगे, इसके बाद जिला स्तर पर कलेक्टर इसका वेरिफिकेशन करेगा। नोटिफिकेशन के मुताबिक आवेदन के साथ कलेक्टर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार के पास भेजेगा। पूरी प्रक्रिया के बाद संतुष्ट होने पर कलेक्टर भारतीय नागरिकता प्रदान करेगा और इसका प्रमाणपत्र जारी करेगा।
Shipra Saini
News Anchor