मोदी सरकार का बड़ा फैसला आधार से जुड़ेगा वोटर आईडी कार्ड, वोटिंग में फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम

मोदी सरकार ने चुनाव सुधारों को लेकर बड़ा और अहम फैसला लिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आधार कोर्ड को मतदाता सूची से जोड़ने के विधेयक को मंजूरी दे दी है।अब पैन-आधार लिंकिंग की तरह अब आधार कार्ड को वोटर आईडी से जोड़ा जाएगा। इतना तय है कि सरकार के इस फैसले से वोटिंग में फर्जीवाड़ा पर लगाम लगेगी ।
बता दें कि भारत के चुनाव आयोग (ECI) की तरफ से केन्द्र सरकार से कई सिफारिशें की गई थी जिनमें से आधार कार्ड को वोटर आईडी से लिंक कराना एक मांग थी जिस पर मोहर लगी है। इसी के साथ साथ इस विधियेक में एक ही मतदाता सूची तैयार करने जैसे फैसले शामिल है। इसके अलावा विधेयक में सर्विस वोटर्स के लिए चुनावी कानून को 'जेंडर न्यूट्रल' भी बनाया जाएगा। विधेयक में यह प्रावधान भी किया गया है कि अब एक साल में चार अलग-अलग तारीखों पर मतदाता के रूप में युवा नामांकन कर सकेंगे।
In a Major Electoral Reform, Union govt gets Bill to Link Adhar with Electoral roll Cleared
— MeghUpdates🚨™ (@MeghBulletin) December 16, 2021
वर्तमान में यह व्यवस्था थी कि एक जनवरी को कट ऑफ की तारीख होने के कारण मतदाता सूची से कई युवा वंचित रह जाते थे। मसलन एक कट ऑफ तिथि होने की वजह से 2 जनवरी को युवा 18 साल की आयु पूरी होने के बाद भी पंजीकरण नहीं करा पाता थे। ऐसे में उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ता था। लेकिन अब विधेयक में सुधार के बाद अब उन्हें साल में चार बार नामांकन करने का मौका मिल सकेगा।
ये फैसला इसलिए भी अहम है कि लोग अपने गांव के साथ उन शहर या महानगर में भी वोट डाल देते हैं, जहां वो कामकाज करते हैं। ऐसे में मतदाता सूची में कई जगह नाम शामिल हो जाता है, लेकिन आधार से जुड़ने के बाद कोई भी नागरिक सिर्फ एक जगह ही वोट डाल पाएगा।
कानून मंत्रालय से सेवा मतदाताओं से संबंधित लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधान में 'पत्नी' शब्द को 'पति/पत्नी' से बदलने के लिए कहा था. साथ ही चुनाव आयोग (ECI) पंजीकरण करने की अनुमति देने के लिए कई कट-ऑफ तारीखों पर जोर दे रहा था।