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सीएम योगी के राह पर MP के सीएम मोहन यादव, बुलडोज़र मॉडल अपनाने के साथ ही तोड़ा ये बड़ा मिथक

सीएम योगी के राह पर MP के सीएम मोहन यादव, बुलडोज़र मॉडल अपनाने के साथ ही तोड़ा ये बड़ा मिथक
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मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राह पर चल पड़े हैं। न सिर्फ उन्होंने सीएम योगी का बुलडोज़र मॉडल अपनाया बल्कि मुख्यमंत्री बनने के बाद मोहन यादव पहली बार अपने गृह जनपद उज्जैन के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने उज्जैन से जुड़े एक मिथक को भी तोड़ दिया।

सीएम मोहन यादव ने तोड़ा उज्जैन से जुड़ा मिथक

दरअसल, उज्जैन को लेकर ऐसा माना जाता है कि उज्जैन के राजा महाकाल हैं इसलिए यहां कोई भी सीएम रात के समय नहीं रूकता है या यहां रात्रि विश्राम नहीं करता है। जो भी रात में यहां रुकता है उसकी कुर्सी चली जाती है। ऐसे में मोहन यादव ने न सिर्फ उज्जैन में रुके। बल्कि उन्होंने इस मिथक को भी तोड़ा है।

सीएम मोहन यादव् ने क्या कहा ?

सीएम डॉ. यादव का कहना था कि महाकाल का मैं पुत्र हूं। मैं कोई राजा नही राजा तो महाकाल है। फालतू बातें उड़ा रखी है। यहां पर राजा रात नहीं रुक सकता है। ऐसा कुछ नहीं है बाबा महाकाल ही राजा है। हम सब उनके बेटे और सेवक हैं। मैंने कलेक्टर से कह दिया है कि सबसे पहले केडी गेट का काम दिखाना उसके बाद ही घर जाऊंगा। मैं तो यहां रात रुक सकता हूं, में तो बेटा हूं। राजाधिराज महाकाल का बचपन से सेवक हूं। चुकी सीएम मोहन यादव उज्जैन में ही जन्मे है और वे यही के रहने वाले है। हालांकि इसे लेकर ज्योतिषियों की अलग-अलग राय है। कुछ ज्योतिषियों का कहना है कि डॉ. मोहन यादव महाकाल के कृपा प्रसाद से ही सीएम पद तक पहुंचे हैं। ऐसे में उनके अपने ही नगर में रात्रि विश्राम करने में कोई बाधा नहीं है।

उज्जैन को लेकर क्या है मिथक ?

शासक यानी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या उनके समकक्ष कोई भी बाबा महाकाल की नगरी में रात्रि विश्राम नहीं करता। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 18 साल के अपने कार्यकाल के दौरान कभी उज्जैन में रात नहीं रुके। बताया जाता है कि सिंहस्थ महाकुंभ के दौरान भी शिवराज रात 12 बजे से पहले उज्जैन की सीमा छोड़ देते थे। वे एक हफ्ते तक रुके थे लेकिन सिर्फ दिन में उज्जैन में रहते थे। रात होते ही इंदौर चले जाते थे। सिंहस्थ के दौरान एक वैचारिक महाकुंभ का आयोजन हुआ था वह भी उज्जैन शहरी सीमा के बाहर आयोजित किया था। यह उज्जैन से 12 किलोमीटर दूर निनौरा गांव में हुआ था। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिग्विजय सिंह और राहुल का उज्जैन से बाहर रात गुजरना भी चर्चा का विषय बना हुआ था। इंदौर से निकलने के बाद भारत जोड़ो यात्रा उज्जैन शहर की सीमा से पहले निनौरा में ही रुकी थी। ऐसे ही अन्य कई वीवीआईपी है जिन्होंने बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में रात नहीं गुजरी।

मिथक को तोड़ने का किया गया प्रयास

आज के पूर्व दो बार मिथक तोड़ने पर यह बात सच भी हो चुकी है। क्योंकि भारत के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई एक रात उज्जैन में रुके थे और दूसरे दिन ही उनकी सरकार गिर गई थी। वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने भी उज्जैन में रात्रि विश्राम किया था, जिसके 20 दिन बाद उन्हें अपने पद से त्याग पत्र देना पड़ा था। इन दो उदाहरण के बावजूद भी मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शनिवार रात को उज्जैन अपने गीता कॉलोनी स्थित निवास पर में ही विश्राम किया।

यूपी में भी था ऐसा ही मिथक, सीएम योगी ने तोड़ा

बता दें, ऐसी ही मान्यता उत्तर प्रदेश के नोएडा को लेकर थी कि जो भी सीएम नोएडा जाता है वो फिर कभी सत्ता में वापस नहीं आता। लेकिन 2017 में उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ इस मिथ को तोड़ा बल्कि लगातार नोएडा का दौरा भी किया और 5 साल तक सरकार चलाने के बाद 2022 में फिर से पूर्ण बहुमत से सत्ता में वापसी की।

मायावती-मुलायम से लेकर अखिलेश ने नहीं किया नोएडा का दौरा

बता दें, उत्तर प्रदेश की कमान संभाल चुके कई बड़े नेता महज इस अफवाह के कारण की जो भी मुख्यमंत्री नोएडा जाता है दोबारा सीएम नहीं बनता इस कारण कई पूर्व मुख्यमंत्रियो ने नोएडा का दौरा नहीं किया। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की 4 बार सीएम रही मायावती, समाजवादी पार्टी के संस्थापक और राज्य के तीन बार मुख्यमंत्री रहें मुलायम सिंह यादव और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बतौर सीएम कभी नोएडा का दौरा नहीं किया। लेकिन 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने नोएडा का दौरा कर इस भ्रम को तोड़ दिया।


Rani Gupta

Rani Gupta

News Reporter


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