कृषि कानून लोगसभा से वापस होने के बाद बौखलाए टिकैत, ओवैसी, अखिलेश और राहुल। दे रहे अजीबो-गरीब बयान।
कृषि कानून लोगसभा से वापस होने के बाद बौखलाए टिकैत, ओवैसी, अखिलेश और राहुल। दे रहे अजीबो-गरीब बयान।
शीतकालीन सत्र के शुरु होते ही आज लोकसभा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीन कृषि कानून वापस करने लिए संसद में बिल पेश किया, जो कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला द्धारा मंजूर किया गया और तीनो कृषि बिल रद्द कर दिए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान बिलों को वापस लेने की पहले ही घोषणा कर दी थी लेकिन इसके बाद राकेश टिकैत का कहना था कि हमें प्रधानमंत्री की बातों पर विश्वास नहीं है। ये तीनों बिल जब तक संसद में लिखत रूप में रद्द नहीं होते तब तक आंदोलन जारी रहेगा, वहीं अब जब संसद में बिल रद्द कर दिया गया तो अब भी राकेश टिकैत बॉर्डर्स खाली करने से साफ मना कर रहे हैं। इसी के साथ विपक्ष के लोग तभी कृषि बिल रद्द होने से बोखला रहे हैं और उनकी बौखलाहट उनके बयानों में साफ झलक रही है।
ये काला क़ानून एक बिमारी थी, जितना जल्दी कट गई उतनी जल्दी ठीक है। अब इस बिल पर राष्ट्रपति की मोहर लग जाएगी तो यह ख़त्म हो जाएगा। सरकार जहां बुलाएगी हम वहां बात करने जाएंगे: BKU प्रवक्ता राकेश टिकैत, दिल्ली pic.twitter.com/aMvJRzowjz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 29, 2021
राकेश टिकैत और आंदोलनजीवियों को ये उम्मीद नहीं थी कि प्रधानमंत्री बिलों को यूं रद्द करने का फैसला लेंगे, इसलिए वो अब नए नए मुद्दे ढूंड रहे हैं इस आंदोलन को जारी रखने के लिए। संसद में कृषि बिल रद्द होने के बाद राकेश टिकैत ने कहा कि, ये काला कानून एक बिमारी थी, जितना जल्दी कट गई उतनी जल्दी ठीक है। अब इस बिल पर राष्ट्रपति की मोहर लग जाएगी तो यह खत्म हो जाएगा। सरकार जहां बुलाएगी हम वहां बात करने जाएंगें।
जिस तरह से संसद में बिना किसी चर्चा के क़ानून रद्द किए गए, ये दिखाता है कि सरकार चर्चा से डरती है। सरकार जानती है कि उन्होंने ग़लत काम किया है। 700 किसानों की मृत्यु, क़ानूनों को लागू करने के पीछे किसकी शक्ति थी इस पर चर्चा होनी थी पर सरकार ने नहीं होने दी: राहुल गांधी, कांग्रेस pic.twitter.com/QXdqzuVMgh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 29, 2021
वहीं संसद में बिल रद्द करने पर चर्चा को लेकर कांग्रेस के नेताओं ने हंगामा किया। इसी दौरान कांग्रेस के राहुल गांधी ने बयान दिया कि, आपने कहा प्रधानमंत्री ने माफी मांगी, इसका मतलब प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि उनकी गलती के कारण 700 लोग मारे गए, उनकी गलती से आंदोलन हुआ। अगर उन्होंने गलती मानी है तो नुकसान की भरपाई तो करनी पड़ेगी। यहां सीधा-सीधा राहुल गांधी भी राकेश टिकैत की जुबान बोलते नजर आए। अब तक राकेश टिकैत की मांग थी बिलों को रद्द करना फिर वो कई और मु्द्दे लेकर आए जिससे कि वो आंदोलन को जारी रख पाएं और राजनीति कर सकें।
आपने कहा प्रधानमंत्री ने माफी मांगी, इसका मतलब प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि उनकी ग़लती के कारण 700 लोग मारे गए, उनकी ग़लती से आंदोलन हुआ। अगर उन्होंने ग़लती मानी है तो नुकसान की भरपाई तो करनी पड़ेगी: राहुल गांधी, कांग्रेस pic.twitter.com/Qtt4Z7k1Hs
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 29, 2021
राकेश टिकैत ने भी अपने बयान में कहा था कि 1 साल के आंदोलन के दौरान जितना नुकसान हुआ है इन तथाकथित किसानों को उसकी भरपाई केंद्र सरकार करे और 700 किसान जिनकी जान गई उनके लिए स्मारक बनाने की भी मांग की। तो अब जिस तरह विपक्षी पार्टियां बयान दे रही हैं उससे ये जाहिर होता है कि राकेश टिकैत और विपक्ष के लोग मिलकर इस आंदोलन को चला रहे हैं। अब जब सरकार ने उनका ये चुनावी मुद्दा भी खत्म कर दिया तो नया चुनावी मुद्दा विपक्ष नहीं ढूंड पा रहा है।
700 किसानों की मौत हुई उनके परिवारों की मदद कौन करेगा? समाजवादी पार्टी ने तय किया है कि उत्तर प्रदेश में सरकार बनेगी तो 25 लाख रुपए से उन परिवारों का सम्मान किया जाएगा। उ.प्र. की जनता को योगी सरकार नहीं योग्य सरकार चाहिए। अगली बार जनता योग्य सरकार चुनेगी: सपा प्रमुख अखिलेश यादव https://t.co/AoE8W2q1V7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 29, 2021
अखिलेश यादव इस दौरान अपने चुनवी मंसूबों के साथ योगी सरकार को घेरते नजर आए। उन्होंने कहा, 700 किसानों की मौत हुई उनके परिवारों की मदद कौन करेगा? समाजवादी पार्टी ने तय किया है कि उत्तर प्रदेश में सरकार बनेगी तो 25 लाख रुपए से उन परिवारों का सम्मान किया जाएगा। उ.प्र. की जनता को योगी सरकार नहीं योग्य सरकार चाहिए। अगली बार जनता योग्य सरकार चुनेगी।
उन्हें आने वाले विधानसभा चुनाव में राजनीतिक नुकसान दिख रहा था इसलिए उन्होंने मज़बूरी में तीनों कृषि कानूनों को रद्द करना पड़ा: संसद के दोनों सदनों में कृषि कानून निरसन विधेयक पारित होने पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी pic.twitter.com/aigsetqAKW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 29, 2021
इस बीच असदुद्दीन ओवैसी भी कहा पीछे रहने वाले थे। उन्होंने भी बिल बापस लेने पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा, उन्हें आने वाले विधानसभा चुनाव में राजनीतिक नुकसान दिख रहा था इसलिए उन्होंने मज़बूरी में तीनों कृषि कानूनों को रद्द करना पड़ा।
Manisha Dhindoria
Editor & Reporter