वेदांत-फॉक्सकॉन प्रोजेक्ट को लेकर NCP ने शिंदे सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन, चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने क्या कहा जानिए ?
वेदांता ग्रुप और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण की दिग्गज कंपनी फॉक्सकॉन ने संयुक्त रूप से अपनी डिस्प्ले फैब्रिकेशन और सेमीकंडक्टर यूनिट को महाराष्ट्र की जगह गुजरात में स्थापित करने की घोषणा की है। इसके साथ ही महाराष्ट्र में सियासत गरमा गई है। बुधवार को एनसीपी की नेता सुप्रिया सुले के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। वहीं वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने इस कदम को लेकर सफाई दी है।
अनिल अग्रवाल ने ट्वीट करते हुए कि हमने कुछ महीने पहले गुजरात का फैसला किया क्योंकि वे हमारी उम्मीदों पर खरे उतरे। महाराष्ट्र ने अन्य राज्यों को पछाड़ने की कोशिश की लेकिन पेशेवर और स्वतंत्र सलाह के आधार पर हमने गुजरात को भी चुना। हम गुजरात में निवेश के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही उन्होने यह भी कहा है कि वेदांता, एपल के आईफोन और टीवी उपकरणों को बनाने के लिए एक यूनिट स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। इसमें इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को बनाया जा सकता है। इस यूनिट को महाराष्ट्र में स्थापित किया जाएगा। महाराष्ट्र में भी गुजरात की तर्ज वाला प्रोजेक्ट होगा। हालांकि वेदांता के संस्थापक अग्रवाल ने इसका खुलासा नहीं किया कि यह उपक्रम किसके साथ होगा।
We decided Gujarat few months ago as they met our expectations. But in July meeting with Maharashtra leadership, they made a huge effort to outbid other states with competitive offer. We have to start in one place & based on professional & independent advice we chose Gujarat 3/4
— Anil Agarwal (@AnilAgarwal_Ved) September 14, 2022
This multibillion dollar long-term investment will change the course of Indian electronics. We will create a pan-India ecosystem & are fully committed to investing in Maharashtra as well. Maharashtra will be our key to forward integration in our Gujarat JV. (4/4)
— Anil Agarwal (@AnilAgarwal_Ved) September 14, 2022
वेदांता ग्रुप के चैयरमैन अनिल अग्रवाल के इन ट्वीट्स पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडण्वीस ने रिट्वीट करते हुए विपक्षी दल के नेताओं को करार जवाब दिया है। देवेन्द्र फडण्नीस ने विपक्ष के नेताओ को सलाह देते हुए लिखा कि इन नेताओं को मेरी सलाह है कि सक्षम और कुशल बनने पर ध्यान दें न कि नकारात्मक और हताश। साथ ही उन्होने सवाल करते हए कहा कि निराशाजनक है कि राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए नकारात्मक, झूठे और निराधार दावे किए जा रहे हैं। यह केवल अपनी अक्षमता को छिपाने के लिए है।मैं विपक्षी नेताओं से पूछना चाहता हूं, जिन्होंने महाराष्ट्र से ₹3.5 लाख करोड़ की रिफाइनरी वापस भेजी?
My advice to these leaders is to focus on becoming competent & efficient and not negative & desperate.
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) September 14, 2022
It is disappointing that negative, false & baseless claims are being spread to gain political mileage. This is only to hide their own incompetence.
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) September 14, 2022
I want to ask opposition leaders, who sent back ₹3.5 lakh crore refinery from Maharashtra?
बता दें कि गुजरात सरकार के साथ हुई इस डील के बाद से आदित्य ठाकरे और अब एनसीपी लगातार शिंदे सरकार पर आरोप लगा रही है। सुप्रिया सुले ने कहा, यह बहुत निराशाजनक है कि तीन लाख से ज्यादा छात्र नौकरियों से वंचित होने जा रहे हैं। महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आकर सरकार के खिलाफ लड़ना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पिछली सरकार के भी हिस्सा थे, तब क्या कर रहे थे, कुछ क्यों नहीं बोले? वह दो महीने से अधिक समय से मौजूदा मुख्यमंत्री हैं, अगर उन्हें नेतृत्व करना है तो उन्हें जिम्मेदारी लेने और जवाबदेह होने की जरूरत है।
Shipra Saini
News Anchor