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बॉम्बे HC में उद्धव एंड फैमली के खिलाफ जनहित याचिका दायर, आय से अधिक संपत्ति मामले में ED-CBI जांच की मांग

बॉम्बे HC में उद्धव एंड फैमली के खिलाफ जनहित याचिका दायर, आय से अधिक संपत्ति मामले में ED-CBI जांच की मांग
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महाराष्ट्र में सत्ता और पार्टी गंवाने के बाद अब महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की मुश्किले एक बार फिर बढ़ने वाली है। दरअसल बॉम्बे हाई कोर्ट में उद्धव ठाकरे परिवार के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई है। जिसमें उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, तेजस ठाकरे, रश्मि ठाकरे को पार्टी बनाया गया है। इस याचिका में कहा गया है कि ठाकरे परिवार ने अकूत दौलत इकट्ठा की है, जिसकी सीबीआई और ईडी से जांच कराने की मांग की गई है।

यह आपराधिक जनहित याचिका गौरी और अभय भिड़े द्वारा दायर की गई, जिनके परिवार ने आपातकाल के दौरान शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे के साप्ताहिक को संक्षिप्त रूप से छापा। गौरी ने कहा कि वह "न खाऊंगा न खाने दूंगा" के आदर्श वाक्य से प्रेरित है।

बता दें कि यह याचिका जस्टिस संजय गंगापुरवाला और जस्टिस आर एम लड्ढा की पीठ के सामने सूचीबद्ध है। बुधवार यानि आज को इस याचिका पर सुनवाई होनी है। उनकी याचिका महाराष्ट्र सरकार के स्वामित्व वाले सिडको द्वारा ट्रस्ट प्रबोधन प्रकाशन (सामना अखबार के मालिक और प्रकाशक) के लिए दिए गए भूमि भूखंडों के बारे में सवाल उठाती है। याचिका में कहा गया कि ट्रस्ट की हिस्सेदारी बदल दी गई और आखिरकार ठाकरे के स्वामित्व में आ गई। इसमें कहा गया कि COVID-19 लॉकडाउन के दौरान, ठाकरे की कंपनी प्रबोधन प्रकाशन प्रा. लिमिटेड ने 42 करोड़ रुपये के कारोबार और 11.5 करोड़ रुपये के लाभ का "शानदार प्रदर्शन" दिखाया। याचिकाकर्ता के मुताबिक यह काले धन का सफेद धन में बदलने का "स्पष्ट मामला" हैं।

याचिकाकर्ता का मानना ​​है कि बीजेपी नेता किरीट सोमैया या दोनों एजेंसियों के पास ठाकरे परिवार से जुडी बड़ी जानकारी और लिंक होने चाहिए। उनकी याचिका में कहा गया ऐसा लगता है कि यह काले धन को सफेद करने का स्पष्ट मामला है। बीएमसी और दूसरे स्रोतों से इकट्ठा किए गए बेहिसाब धन को उपरोक्त कंपनी के खातों में बेईमानी से पचाया गया और लाभ के काल्पनिक आंकड़े दिखाए गए। यह सिर्फ अनुमान या निराधार आरोप नहीं है। इन कंपनियों के खातों के विवरण को अगर खंगाला जाएगा तो ये तथ्य स्पष्ट करेगे। ये संपत्ति मुख्य रूप से बेनामी लेनदेन हैं।

इस याचिका में मांग की गई है कि उद्धव ठाकरे और उनके परिवार द्वारा अर्जित की गई बेहिसाब दौलत की जांच ईडी या सीबीआई द्वारा करवाई जानी चाहिए। याचिका में यह सवाल भी उठाया गया है कि उद्धव ठाकरे, रश्मि ठाकरे और आदित्य ठाकरे आखिर क्या करते हैं यह कभी स्पष्ट ही नहीं हुआ है। ऐसे में यह बात भी जनता के सामने आनी चाहिए।

Shipra Saini

Shipra Saini

News Anchor


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