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PM मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में छोड़े 8 चीते, फिर खुद चीतों की ली तस्वीरें, पीएम बोलें- दशकों बाद चीते हमारी धरती पर वापस आए

PM मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में छोड़े 8 चीते, फिर खुद चीतों की ली तस्वीरें, पीएम बोलें- दशकों बाद चीते हमारी धरती पर वापस आए
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर आज देश को स्पेशल गिफ्ट दिया है। नामीबिया से स्पेशल विमान के जरिए भारत लाए गए 8 चीतों को प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क के स्पेशल बाड़े में छोड़ दिया है। चीतों को 30 दिनों तक विशेष बाड़े में ही रखा जाएगा। इस दौरान उनकी सेहत पर नजर रखी जाएगी। इसके बाद इन्हें जंगल में छोड़ा जाएगा। आज की तारीख हिंदुस्तान के लिए ऐतिसाहिक हैं क्योंकि 70 सालों के बाद रफ्तार के किंग यानि चीता की की देश में एंट्री हुई है।

स्पेशल प्लेन से भारत आये चीते

नामीबिया से करीब आठ हजार पांच सौ किलोमीटर की सफर पूरी कर स्पेशल प्लेन मध्यप्रदेश के ग्वालियर में लैंड हुआ। यहां प्लेन से चीतों को तीन स्पेशल हेलीकॉप्टर में ट्रांसफर किया किया और फिर कुनो नेशनल पार्क तक का सफर चीतों ने हेलीकॉप्टर से पूरा। 70 साल बाद देश के जंगलों में चीतों की एंट्री से कुनो पार्क में रहने वाले जानवरों में भी खलबली है क्योंकि पीएम मोदी के नए जंगल बुक की वजह से यहां सबकुछ बदलने वाला है। पीएम मोदी खुद लीवर हैंडल घुमाकर जैसे ही पिंजड़े का गेट खोला तो ये चीते विशेष रूप से तैयार किए गए बाड़े में आ गए। चीतों के लिए खास तौर पर तैयार इन आठ बाड़ों को ग्रीन मैट के जरिए आपस में बांटा गया है। यहां एक महीने तक चीते रहेंगे।

दशकों बाद चीते हमारी धरती पर वापस आए- पीएम मोदी

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, "दशकों पहले, जैव-विविधता की सदियों पुरानी जो कड़ी टूट गई थी, विलुप्त हो गई थी, आज हमें उसे फिर से जोड़ने का मौका मिला है। आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं। और मैं ये भी कहूँगा कि इन चीतों के साथ ही भारत की प्रकृतिप्रेमी चेतना भी पूरी शक्ति से जागृत हो उठी है। मैं हमारे मित्र देश नामीबिया और वहाँ की सरकार का भी धन्यवाद करता हूँ जिनके सहयोग से दशकों बाद चीते भारत की धरती पर वापस लौटे हैं। ये दुर्भाग्य रहा कि हमने 1952 में चीतों को देश से विलुप्त तो घोषित कर दिया, लेकिन उनके पुनर्वास के लिए दशकों तक कोई सार्थक प्रयास नहीं हुआ। ये बात सही है कि, जब प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण होता है तो हमारा भविष्य भी सुरक्षित होता है। विकास और समृद्धि के रास्ते भी खुलते हैं। कुनो नेशनल पार्क में जब चीता फिर से दौड़ेंगे, तो यहाँ का ग्रॉसलैंड इकोसिस्टम फिर से रिस्टोर होगा, बोइडिवेर्सिटीय और बढ़ेगीआज आजादी के अमृतकाल में अब देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है। कुनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा। आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं।कुनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा"

इससे बड़ा गिफ्ट हो ही नहीं सकता- शिवराज सिंह चौहान

वही इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर इससे बड़ी सौगात नहीं हो सकती कि नामीबिया से मध्य प्रदेश चीते लाए जा रहे हैं. उन्होंने इस कदम को 'एतिहासिक' करार दिया है।"

बता दे, स्वास्थ्य परीक्षण के बाद चीताें काे चिनूक हेलीकॉप्टर से कूनाे अभयारण्य के लिए रवाना कर दिया गया है। सभी चीते पूरी तरह फिट मिले हैं। दो नर चीतों की उम्र साढ़े पांच साल है। दोनों भाई हैं। पांच मादा चीतों में एक दो साल, एक ढाई साल, एक तीन से चार साल तो दो पांच-पांच साल की हैं। ग्वालियर एयरबेस पर चीतों के साथ आए एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर लाेरी मारकर सहित पूरे दल से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुलाकात की।

Rani Gupta

Rani Gupta

News Reporter


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