पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र रद्द होने पर सियासत शुरू, AAP ने सत्र रद्द होने के लिए BJP को ठहराया ज़िम्मेदार, BJP ने कहा- राज्यपाल का फैसला संवैधानिक हित में है
पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र रद्द होने पर सियासत शुरू हो गई है। पंजाब में बीजेपी आर-पार की मूड में दिखाई दे रही है। बीजेपी आज सीएम भगवंत मान के आवास का घेराव करने के लिए कूच करेगी। जबकि CM भगवंत मान ने रणनीति तैयार करने के लिए आप विधायकों की बैठक बुलाई है। चंडीगढ़ में पंजाब कांग्रेस विधायक दल की भी बैठक होने वाली है। विशेष सत्र के रद्द होने के पीछे आम आदमी पार्टी बीजेपी का हाथ बता रही है तो दूसरी तरफ बीजेपी ने इसे संवैधानिक हित में बताया है।
बता दे, राजभवन के ताजा आदेश में कहा गया है कि विधानसभा के नियम सिर्फ सरकार के पक्ष में विश्वास मत पारित करने के लिए सत्र बुलाने की अनुमति नहीं देते हैं। राज्यपाल ने मंगलवार को 22 सितंबर के लिए विशेष सत्र आहूत करने की अनुमति दी थी। उनके ताजा आदेश के बाद वह अनुमति वापस ले ली गई है। वही पंजाब कैबिनेट ने मंगलवार को भारत के संविधान के अनुच्छेद 174 (1) के तहत सदन का विशेष सत्र आहूत करने की सरकार की सिफारिश राज्यपाल को भेजने की मंजूरी दे दी थी।
वही सीएम भगवंत मान ने ट्वीट करते हुए कहा, "राज्यपाल द्वारा विधानसभा ना चलने देना देश के लोकतंत्र पर बड़े सवाल पैदा करता है... अब लोकतंत्र को करोड़ों लोगों द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि चलाएंगे या केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया हुआ एक व्यक्ति... एक तरफ भीमराव जी का संविधान और दूसरी तरफ ऑपरेशन लोटस...जनता सब देख रही है।"
राज्यपाल द्वारा विधानसभा ना चलने देना देश के लोकतंत्र पर बड़े सवाल पैदा करता है... अब लोकतंत्र को करोड़ों लोगों द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि चलाएंगे या केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया हुआ एक व्यक्ति... एक तरफ भीमराव जी का संविधान और दूसरी तरफ ऑपरेशन लोटस...जनता सब देख रही है... https://t.co/XWWqs2FYzj
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) September 21, 2022
वही बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा, "भीमराव अंबेडकर जी के संविधान में कहाँ लिखा है कि पूर्ण बहुमत की सरकार करोड़ों रुपए पानी में बहाकर अपनी सरकार के लिए विश्वास मत का विशेष सत्र बुलाए ? विधानसभा पंजाब के मुद्दों पर काम करने के लिए है , केजरीवाल की ग़ुलामी करने के लिए नहीं।"
भीमराव अंबेडकर जी के संविधान में कहाँ लिखा है कि पूर्ण बहुमत की सरकार करोड़ों रुपए पानी में बहाकर अपनी सरकार के लिए विश्वास मत का विशेष सत्र बुलाए ?
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) September 21, 2022
विधानसभा पंजाब के मुद्दों पर काम करने के लिए है , केजरीवाल की ग़ुलामी करने के लिए नहीं https://t.co/Z1cttUU6nl
वही अरविन्द केजरीवाल ने कहा, "राज्यपाल कैबिनेट द्वारा बुलाए सत्र को कैसे मना कर सकते हैं? फिर तो जनतंत्र खतम है। दो दिन पहले राज्यपाल ने सत्र की इजाज़त दी। जब ऑपरेशन लोटस फ़ेल होता लगा और संख्या पूरी नहीं हुई तो ऊपर से फ़ोन आया कि इजाज़त वापिस ले लो। आज देश में एक तरफ़ संविधान है और दूसरी तरफ़ ऑपरेशन लोटस।"
राज्यपाल कैबिनेट द्वारा बुलाए सत्र को कैसे मना कर सकते हैं? फिर तो जनतंत्र खतम है
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 21, 2022
दो दिन पहले राज्यपाल ने सत्र की इजाज़त दी। जब ऑपरेशन लोटस फ़ेल होता लगा और संख्या पूरी नहीं हुई तो ऊपर से फ़ोन आया कि इजाज़त वापिस ले लो
आज देश में एक तरफ़ संविधान है और दूसरी तरफ़ ऑपरेशन लोटस। pic.twitter.com/BHwuyUG23X
कपिल मिश्रा बोले, "राज्यपाल के पत्र में साफ़ लिखा है कि पूर्ण बहुमत की सरकार में अपनी ही सरकार के लिए विश्वास प्रस्ताव का विशेष सत्र लाने का कोई संविधान में प्रावधान नहीं। ग़ैर क़ानूनी कार्यवाही की अनुमति चाहिए AAP को ? ड्रामा बंद करके जनता का काम कीजिए। दिल्ली और पंजाब में सरकार ठप्प है।"
राज्यपाल के पत्र में साफ़ लिखा है कि पूर्ण बहुमत की सरकार में अपनी ही सरकार के लिए विश्वास प्रस्ताव का विशेष सत्र लाने का कोई संविधान में प्रावधान नहीं
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) September 21, 2022
ग़ैर क़ानूनी कार्यवाही की अनुमति चाहिए AAP को ?
ड्रामा बंद करके जनता का काम कीजिए
दिल्ली और पंजाब में सरकार ठप्प है https://t.co/qTPsj5VJKG
वही कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, "इस घटना ने एक बार फिर दिखाया है कि भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार केजरीवाल के हाथ का मोहरा है जो अपने राजनीतिक मालिक को खुश करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। और नापाक राजनीतिक उद्देश्यों के लिए स्थापित लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। यह "विश्वास प्रस्ताव और कुछ नहीं बल्कि केजरीवाल और पंजाब सरकार द्वारा सामना किए गए विभिन्न घोटालों और कठिनाइयों से जनता का ध्यान हटाने के लिए एक हथकंडा था। मैं राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित जी को आप सरकार द्वारा एक दिवसीय विधानसभा सत्र को "विश्वास प्रस्ताव" पर वापस लेने का आदेश देने के लिए बधाई देता हूं जो सदन के नियमों के खिलाफ था।"
I congratulate our revered Governor Shri Banwari Lal Purhoit ji for ordering the withdrawal of the one day assembly session on "confidence motion" by the AAP govt which was against the rules of the house .
— Partap Singh Bajwa (@Partap_Sbajwa) September 21, 2022
Rani Gupta
News Reporter